Rajasthan Tourism: दिल्ली से 3 घंटे की दूरी पर है खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस, जहां ले सकते हैं जंगल सफारी का आनंद

Himanshu Sharma

01 Sep 2023 (अपडेटेड: Sep 1 2023 8:26 AM)

Rajasthan Tourism: अगर आप जंगल सफारी (Tiger Safari in Rajasthan) का आनंद लेने का प्लान कर रहे हैं. तो अब आपको दूर जाने की आवश्यकता नहीं है. आप देश की राजधानी दिल्ली से महज 3 घंटे की दूरी पर सरिस्का के घने जंगल का आनंद ले सकते हैं. जंगल सफारी के दौरान यहां आप बाघ, […]

Rajasthan Tourism: दिल्ली से 3 घंटे की दूर पर है बहुत खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस, जहां ले सकते हैं जंगल सफारी का आनंद

Rajasthan Tourism: दिल्ली से 3 घंटे की दूर पर है बहुत खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस, जहां ले सकते हैं जंगल सफारी का आनंद

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Rajasthan Tourism: अगर आप जंगल सफारी (Tiger Safari in Rajasthan) का आनंद लेने का प्लान कर रहे हैं. तो अब आपको दूर जाने की आवश्यकता नहीं है. आप देश की राजधानी दिल्ली से महज 3 घंटे की दूरी पर सरिस्का के घने जंगल का आनंद ले सकते हैं. जंगल सफारी के दौरान यहां आप बाघ, पैंथर, नीलगाय, हिरण, बारहसिंगा, भालू सहित सैकड़ो प्रजाति के पशु पक्षियों को खुले आसमान में जंगल में घूमते देख सकते हैं.

सरिस्का का जंगल 1213 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. 1958 में सरिस्का को वन जीव अभ्यारण घोषित किया गया था. उसके बाद 1978 में सरिस्का को टाइगर प्रोजेक्ट घोषित किया गया. जयपुर से सरिस्का 107 किलोमीटर दूर है. तो दिल्ली से करीब इसकी दूरी 200 किलोमीटर पड़ती है. सरिस्का अलवर जयपुर सड़क मार्ग पर पड़ता है. अलवर-जयपुर सड़क मार्ग सरिस्का के बीचों बीच से होकर गुजरता है. अरावली की पहाड़ियों से घिरा होने के कारण इसकी सुंदरता अलग ही नजर आती है. वैसे तो साल भर यहां लोग घूमने के लिए आते हैं. लेकिन अक्टूबर से फरवरी माह तक सर्दियों के सीजन के दौरान पर्यटकों की खासी भीड़ रहती है.

हजारों प्रजाति के पेड़

सरिस्का में सैकड़ों प्रजातियों के जड़ी बूटियां व वनस्पति के पेड़ पौधे भी उपलब्ध हैं. कुछ तो ऐसी प्रजाति हैं. जो केवल सरिस्का क्षेत्र में ही मिलती हैं. पान में लगने वाला कत्था, बांस, छाल, काला खैर सहित हजारों प्रजाति हैं. इसका उपयोग दवा बनाने व इलाज के लिए लिया जाता है.

कौन कौनसे मिलते हैं जानवर

सरिस्का में 30 बाघ, जंगली बिल्ली, 500 तेंदुआ, पैंथर, चार सिंघ वाले हिरण, जंगली सूअर, लंगूर, केयर कल, चीतल सहित हजारों तरह के पक्षियों की प्रजाति मौजूद हैं.

कैसे पहुंचे सरिस्का

एक अक्टूबर से पर्यटन सीजन शुरू होता है. मानसून सीजन के दौरान जुलाई, अगस्त व सितंबर तीन माह के लिए सरिस्का बंद रहता है. सरिस्का ट्रेन व सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है. दिल्ली जयपुर सभी प्रमुख शहरों से अलवर ट्रेन संचालित होती है. अलवर से करीब 45 किलोमीटर दूरी पर सरिस्का है. सरिस्का के दो प्रवेश द्वार हैं. मुख्य गेट जयपुर अलवर सड़क मार्ग पर पड़ता है. तो दूसरा गेट टहला क्षेत्र में है. दोनों जगह से पर्यटक सफारी बुक कर सकते हैं.

सरिस्का के आसपास है कई झील व किले

सरिस्का का जंगल घना व खूबसूरत है. अरावली की वादियां होने के कारण बारिश व सर्दियों के मौसम में सरिस्का हिल स्टेशन जैसा लगता है. तापमान भी यहां काम रहता है. घना जंगल होने के कारण यह क्षेत्र खूबसूरत रहता है. सरिस्का के आसपास सिलीसेढ़ जयसमंद सहित कई झील है. इसके अलावा अजबगढ़ भानगढ़ हॉन्टेड प्लेस, काकवादी फोर्ट, प्रतापगढ़ फोर्ट सहित छोटे बड़े किले हैं.

सफारी के है रूट

सरिस्का में सफारी घूमने के लिए तीन रूट बने हुए हैं. अलग-अलग रुट पर पर्यटक सफारी का आनंद ले सकते हैं. एक रूट मुख्य रूट से जुड़ा हुआ है. इसमें पांडुपोल हनुमान मंदिर आता है. जबकि दो अन्य रूट जंगल क्षेत्र के हैं. इन पर कैंटर व जिप्सी द्वारा सफाई का आनंद ले सकते हैं. जिप्सी में 6 लोग बैठते हैं. जबकि कैंटर में 15 से 20 लोग के बैठने की व्यवस्था रहती है. पर्यटक चाहे तो जिप्सी खुद के लिए अलग से रिजल्ट भी रख सकते हैं. जबकि कैंटर शेयरिंग सुविधा रहती है.

सफारी का क्या है किराया

सरिस्का में जिप्सी बुक करने पर 6800 रुपए चार्ज लगता है. इसमें छह लोग के बैठने की सुविधा रहती है. इस चार्ज के गाइड व प्रवेश का शुल्क शामिल होता है. कैंटर 15000 रुपए में बुक होता है.

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