Rajasthan: एनसीआर का हिस्सा अलवर डार्क जोन में आता है. जिले में सतही पानी के इंतजार नहीं होने के कारण साल भर पानी की किल्लत रहती है. इसी बीच अलवर के कठूमर क्षेत्र के चार गांव के सूखे कुए में अचानक पानी आना किसी चमत्कार से कम नहीं है. कुओं में 40 फीट पर पानी आ गया है. पानी पीने में मीठा है. यह सूचना आग की तरह आसपास क्षेत्र में फैल रही है. ऐसे में दूर-दूर से लोग इन कुओं को देखने के लिए आ रहे हैं.
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अलवर जिला डार्क जोन में आता है. जिले में लोगों को पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलता. 1500 से 2000 फुट पर बोरिंग में पानी आता है. उसके बाद भी ट्यूबवेल सूख रहे है. अलवर के खेड़ली कस्बे के समीपवर्ती गांव सौखर में तीन दिन पहले 40 सालों से सूखे कुएं में अचानक से पानी आने की सूचना मिली. जिसके बाद गांव सालवाड़ी में भी सैकड़ों साल पुराने और 30 साल से सूखे हुए कुएं में अचानक से पानी आ गया. इसके बाद आसपास के करीब चार गांवों के कुओं में पानी नजर आया. सालों से सुखों कुओं में पानी आने से इलाके में खुशी की लहर है.
चरवाहे ने सबसे पहले देखा
गांव में बकरी चराने वाले चरवाहा गांव में बकरी चरा रहे थे. इस दौरान कुएं के मुंडेर पर चरवाहा बैठ गए. इस दौरान एक चारवाह ने कुए में एक पत्थर फेंका. तो कुएं से छपाक से आवाज आई. छपाक की आवाज सुनकर चरवाहा कुएं में देखने लगे. तो सूखे कुएं के अंदर पानी नजर आया. इसके बाद खुशी में पागल चरवाहों ने तुरंत कुएं में पानी होने की जानकारी गांव वालों को दी और उसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण कुएं के पास जमा हो गए.
एकत्रित हो गए ग्रामीण
कठूमर तहसील के अधिकतर हिस्से में जलस्तर डार्क जोन में है. कठूमर में खेड़ली आता है. यहां पानी का जलस्तर जमीन से 180 से 200 फुट नीचे के करीब है. इस दौरान अगर बरसों से सूखे पड़े कुआं में अचानक से पानी आने लगे तो लोगों की पानी के जलस्तर को लेकर उम्मीद जगी है. ग्राम पंचायत सालवाड़ी गांव में रामजीलाल मेंबर हरफूल मीणा बगैरहा ने बताया कि खेत में मौजूद करीब ढाई सौ साल पुराने कुएं में जो की पिछले 40 साल से सूखा पड़ा हुआ था. उसमें पानी आने की सूचना ग्रामीणों को मिली. तो काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए. लोगों में यह चर्चा का विषय रहा कि जिस गांव में जल स्तर 180 फीट नीचे है. वहां 30 फीट गहरे कुएं में अचानक से पानी कैसे आ गया.
दैवीय शक्ति मान रहे ग्रामीण
रेलवे में कार्यरत गांव के रामप्रसाद मीणा ने बताया कि इस तरह सालों से सूखे रहे कुएं में अचानक पानी आने के पीछे लोग किसी दैवीय शक्ति को मान रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया की 25 फीट गहरे कुएं में करीब 5-6 फुट पानी है. बरसों से काम नहीं आ रहे कुएं में गंदगी के कारण अभी पानी को किसी काम में नहीं लिया गया है. लेकिन, कुएं के मालिकों ने कुएं को साफ करने का फैसला लिया है. इसी तरह निकटवर्ती गांव सौखर के खेड़ली सेड के मढ़ के रास्ते पर गोविंद सैनी के खेत मे स्थित एक पुराने कुएं में अचानक से पानी आने पर लोगों ने उसे दिव्य शक्ति माना है. जिसे देखने के लिए लोग एकत्रित हो रहे हैं. वर्षों से सूखे इस कुएं में करीब 2 फुट पानी बताया जा रहा है. क्षेत्र में अचानक से सूखे पड़े हुए कुआं में पानी आने की खबर से लोगों में पानी की जलस्तर को लेकर एक आस बंधी है. क्षेत्र में बिना बरसात के इस तरह से अचानक सूखे कुएं पानी आना भू-जल वैज्ञानिकों के लिए यह शोध का विषय हो सकता है.
कठूमर क्षेत्र के पानी में है सोडियम की मात्रा ज्यादा
कठूमर क्षेत्र के पानी में सोडियम की मात्रा ज्यादा है. इसलिए लगातार इस क्षेत्र का पानी पीने से लोगों के हड्डियों की परेशानी होती है. हाथ पैरों में दर्द, जॉइंट पेन सहित कई तरह के परेशानी होती है. इसके अलावा दांतों में भी कई बीमारियां होती है.
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