2nd grade Paper Leak: पेपर लीक माफिया जहां एक ओर फरार है तो दूसरी ओर सरकार का एक्शन जारी है. सोमवार को व्यवसायी की बिल्डिंग तोड़ने के बाद विवादों में आए राजस्थान सरकार के अधिकारी पेपर माफिया भूपेंद्र सहारण के घर पहुंचे. मकान को अतिक्रमण मानते हुए मंगलवार को 72 घंटे का नोटिस दिया. प्रवर्तन अधिकारी रघुवीर सैनी ने बताया कि गोपाल सहारण और उसके भाई भूपेन्द्र सहारण ने जयपुर के अजमेर रोड पर बिना सेटबैक छोड़े मकान बना रखा है. जिसे 72 घंटे में अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया. अब इस अतिक्रमण को तोड़ने का आदेश भी जारी हो गया है.
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इस पूरी कार्रवाई के बाद राजस्थान तक ने सवाल उठाया था कि पेपर लीक मामले में अनिल अग्रवाल का मकान क्यों तोड़ा गया? बावजूद इसके कि उदयपुर पुलिस के मुताबिक उनका पेपर लीक से कोई लेना-देना नहीं हैं. आरोप यह भी लगे कि पेपर लीक माफिया मकान मालिक को उनसे मकान खाली कराने पर बिल्डिंग तुड़वाने की धमकी दे रहे थे. सवाल यह भी उठा कि आखिर पेपर माफिया भूपेन्द्र सहारण और सुरेश ढाका का मकान क्यों नहीं तोड़ा जा रहा? जिसके बाद मंगलवार सुबह जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्लॉट नंबर 67 पर 28/46 आगे की तरफ भूपेन्द्र के मकान को नोटिस जारी किया गया. अधिकारियों ने बताया कि मकान के आगे 15 फीट और पीछे 8.30 फीट का कब्जा है.
गौरतलब है कि मुख्य आरोपी सुरेश ढाका की कोचिंग संस्थान पर जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने कार्रवाई की थी. जिसके बाद बिल्डिंग मालिक ने सुरेश ढाका और जेडीए प्रशासन पर सांंठगांठ के आरोप लगाए. गहलोत सरकार ने पेपर माफिया के बजाय एक व्यवसायी की बिल्डिंग पर बुल्डोजर चलाया. जिसे लेकर मालिक अनिल अग्रवाल ने आरोप लगाए कि सुरेश ढाका के कहने पर उसकी बिल्डिंग गिराई गई.
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