बजट में 10 लाख नौकरियों का लक्ष्य, 60 लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार की तलाश! जानिए राजस्थान में बेरोजगारी कितनी बड़ी मुसीबत?

गौरव द्विवेदी

11 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 11 2024 7:57 PM)

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पहला पूर्णकालिक बजट 10 जुलाई को पेश कर दिया. इस बजट में अगले 5 साल में 4 लाख नौकरियां देने की घोषणा की गई. बजट के मुताबिक सरकारी और निजी क्षेत्र समेत कुल 10 लाख रोजगार का लक्ष्य लिया गया है.

Rajasthantak
follow google news

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पहला पूर्णकालिक बजट 10 जुलाई को पेश कर दिया. इस बजट में अगले 5 साल में 4 लाख नौकरियां देने की घोषणा की गई. बजट के मुताबिक सरकारी और निजी क्षेत्र समेत कुल 10 लाख रोजगार का लक्ष्य लिया गया है. हालांकि यह घोषणा धरातल पर कैसे उतरेगी, इसे लेकर कोई विस्तृत प्लान नहीं है. क्योंकि इसमें किसी तरह का विभागवार वर्गीकरण नहीं है. महज पुलिस विभाग में 5500, डॉक्टरों के 1500, नर्सिंगकर्मियों के 4000 पद और परिवहन में महज 1650 पदों पर भर्ती की घोषणा की गई है. दूसरी ओर, तथ्य यह है कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मुताबिक राजस्थान में बेरोजगारी दर 20.6 फीसदी है.  

ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या राजस्थान एक उचित रोजगार नीति की तरफ अग्रसर है? जिन मुद्दों के साथ बीजेपी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को घेरा था, क्या उसका हल वर्तमान सरकार ढूंढ पाएगी? खास बात यह भी है कि राजस्थान में जहां 2016 में बेरोजगारी दर 3.8 प्रतिशत थी, जो आज 20 फीसदी के पार है. 

पिछले साल से अब तक हर तिमाही का ये है रिकॉर्ड

तिमाहीः राजस्थान

जनवरी-मार्च 2023: 26.9 
अप्रैल-जून 2023 : 25.7 
जुलाई-सितंबर 2023: 27.7
अक्टूबर-दिसंबर 2023: 21.7
जनवरी-मार्च 2024: 20.6
(Source: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, MOSPI)

20 लाख से ज्यादा ग्रेजुएट है बेरोजगार

CMIE की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में बेरोजगार ग्रेजुएटों की संख्या सबसे अधिक है. यह आंकड़ा 20 लाख के पार पहुंच गई थी. जबकि बेरोजगारों की कुल संख्या भी राजस्थान में सबसे अधिक है, जो कि 60 लाख से भी ज्यादा है. पिछले चार वर्षों में, राजस्थान में ग्रेजुएटों के बीच बेरोजगारी चार गुना बढ़ गई है. जबकि दिल्ली में पिछले चार वर्षों में यह संख्या 3 गुना से अधिक बढ़ गई है.

यहां देखें बेरोजगारी की राज्यवार स्थिति

यहां भी हाथ लगी निराशा:

- राजस्थान रोड़वेज लगातार बस एवं स्टाफ की कमी से जुझ रही है. वितमंत्री ने मात्र 1650 पद भरने की घोषणा की है.
- आशा, सहयोगिनी, मिड डे मिल वर्कर तथा अन्य विभागों में संविदाकर्मियों को स्थाई करने की कोई घोषणा नहीं है.
- उच्च शिक्षा में विश्वविधालयों के लिए अनुदान की कोई घोषणा नहीं की है, जिससे उच्च शिक्षा महंगी होने के पूरे आसार है. साथ ही उच्च शिक्षा के स्तर पर विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और अशैक्षणिक पदों में भर्ती भी की जानी चाहिए. जिसका फिलहाल तो कोई प्रारूप नहीं दिखाई पड़ता. 

चुनाव से पहले रोजगार नीति की बात कर रहे थे बीजेपी नेता

बीजेपी नेता और वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार को घेरा था. उन्होंने कहा था "पूर्व सरकार की नाकामियां गिनाते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी की दर में राजस्थान अव्वल है. राज्य की कांग्रेस सरकार के पास न विजन है न ही इच्छा शक्ति." ऐसे में अब बीजेपी की सत्ता आने के बाद विपक्ष में बैठी कांग्रेस इसी मुद्दे पर अगले 5 साल सरकार को घेरने के मूड में होगी. 

कांग्रेस ने बजट को लेकर दी ये प्रतिक्रिया

वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार का बजट पूर्णतया दिशाहीन है. बजट भाषण थोथी घोषणाओं, झूठे तथ्यों और हताशा से भरा हुआ था. बजट में किसान के लिए MSP, कृषि लागत कम करने, आमजन को महंगाई से राहत देने और गरीब को 25 लाख तक नि:शुक्ल इलाज देने का कोई प्रयास नहीं दिखा. उन्होंने कहा कि बजट में किसानों, महिलाओं, युवाओं, नौकरीपेशा एवं मध्यमवर्ग के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की भी उपेक्षा की गई. भाजपा सरकार बजट में वो सारे वादे भूल गई जिनकी घोषणा उन्होंने अपने संकल्प पत्र में की थी. इस बजट की धरातल पर क्रियान्विति भी दूर-दूर तक नज़र आना मुश्किल है.

    follow google newsfollow whatsapp