PM मोदी ने लोंगेवाला युद्ध के इस वार हीरो का किया जिक्र, जानें कौन हैं भैंरोसिंह जिन पर बन चुकी है फिल्म

Pm modi Jodhpur News: पीएम नरेंद्र मोदी (narendra modi) ने जोधपुर (jodhpur news) में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने लोंगेवाला युद्ध के नायक का जिक्र किया. मोदी ने भैंरोसिंह राठौड़ (bhairo singh rathore) को याद करते हुए नमन किया. साल 1971 में भारत-पाकिस्तान के 13 दिन तक चले युद्ध में राठौड़ का नाम इतिहास […]

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Pm modi Jodhpur News: पीएम नरेंद्र मोदी (narendra modi) ने जोधपुर (jodhpur news) में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने लोंगेवाला युद्ध के नायक का जिक्र किया. मोदी ने भैंरोसिंह राठौड़ (bhairo singh rathore) को याद करते हुए नमन किया. साल 1971 में भारत-पाकिस्तान के 13 दिन तक चले युद्ध में राठौड़ का नाम इतिहास में दर्ज है.

पीएम ने कहा कि आज मैं लोंगेवाला युद्ध के नायक भैंरोसिंह राठौड़ को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मुझे याद है कि जब वह आखिरी समय में अस्पताल में थे, तब मैंने उन्हें फोन कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जाना था.

जोधपुर जिला मुख्यालय से करीब 120 किमी दूर सोलंकियातला गांव में जन्में भैरो सिंह राठौड़ 1963 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे. साल 1971 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान डी-कंपनी की 14वीं बटालियन के तीसरे प्लाटून में राठौड़ तैनात थे. इस युद्ध के दौरान वे पंजाब बटालियन के लिए गाइड की भूमिका में थे. आज जानिए उन नायक के बारे में, जिनकी वीरता का किस्से पर बॉर्डर फिल्म भी बनी.

120 सैनिकों की बटालियन ने किया दुश्मन का सामना

इस बटालियन मे 120 सैनिक थे, जिसका नेतृत्व मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी कर रहे थे. बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी ने उस रात का किस्सा साझा किया था. मेजर चांदपुरी ने बताया- ‘लड़ाई 1971 को तीन दिसंबर शाम को शुरू हुई थी. उसमें 60 के करीब पाकिस्तान के टैंक आए थे, जिनके साथ करीब 3000 जवान थे. उन्होंने आधी रात को लोंगेवाला पर घेरा डाल दिया था. बाकी फौज का सबसे करीबी बंदा मेरे से 17-18 किलोमीटर दूर था. जब हम घिर गए तो मेरी पंजाब रेजिमेंट की कंपनी को एक आदेश था कि लोंगेवाला एक अहम पोस्ट है, जिसके लिए आपको आखिरी बंदे तक लड़ना होगा. हर हालत में उसे कब्जे में रखना होगा. हमने फैसला किया कि हम यहीं लड़ेंगे.’

पाकिस्तान के 3 हजार सैनिकों पर भारी पड़ गए थे हमारे जवान

पाकिस्तान की 60 टैंक गोला बरसाने लगे. उनकी मार करीब 2 किमी तक की थी. बावजूद इसके लांस नायक भैरो सिंह समेत बाकी जवानों ने अदम्य वीरता का परिचय दिया. भैरो सिंह ने अपनी एलएमजी से 25-30 पाकिस्तानियों को मार गिराया. नायक भैरो सिंह ने एलएमजी गन से लगातार 7 घंटे तक फायरिंग की.

इस युद्ध में 120 सैनिक पाकिस्तान के 3000 सैनिकों और 60 टैंक पर भारी पड़ गए. ये एक ऐतिहासिक लड़ाई थी. लोंगेवाला के युद्ध में वीरता के लिए साल 1972 में राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री बरकतुल्ला खान ने उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया था. भैरो सिंह 31 दिसंबर 1987 में बीएसएफ से रिटायर हुए थे.

भैरो सिंह का निधन 19 दिसंबर, 2022 को निधन हो गया था. इससे पहले जब उनकी तबीयत बिगड़ गई तो उन्हें जोधपुर एम्स में भर्ती कराया गया. विजय दिवस (16 दिसंबर) के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भैरो सिंह के बेटे सवाई सिंह से बात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी थी.

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गृहमंत्री अमित शाह भी उनसे जाकर मिले थे
5 दिसंबर 2021 में (पराक्रम दिवस के दिन) गृहमंत्री अमित शाह जैसलमेर गए. उस दौरान वे वीर नायक से मिले. उन्होंने उनके साथ फोटो ट्वीट कर कहा था- ‘1971 के युद्ध में लोंगेवाला पोस्ट के वीर नायक भैरों सिंह राठौड़जी से आज जैसलमेर में मिलने का सौभाग्य मिला. लोंगेवाला से दुश्मनों को खदेड़ने की आपकी वीरता और मातृभूमि के प्रति प्रेम ने देश के इतिहास व देशवासियों के हृदय में एक अपार श्रद्धा का स्थान बनाया है. आपको नमन करता हूँ.’ ध्यान देने वाली बात है लौंगेवाला पोस्ट के वीर सपूतों की याद में 5 दिसंबर को पराक्रम दिवस मनाया जाता है.

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