Petrol-diesel in Rajasthan more expensive than neighboring states: राजस्थान (rajasthan news) में पेट्रोल पंप ऑपरेटर्स हड़ताल पर हैं. वजह वहां वैट (value added tax) में फिर बढ़ोत्तरी हुई है. राजस्थान में पेट्रोल पर वैट बढ़कर 31.04 फीसदी और डीजल पर 19.30 फीसदी हो गया है. देश में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा वैट के मामले में राजस्थान दूसरे नंबर पर है, लेकिन वैट के साथ 1.5 रुपए प्रति लीटर रोड डेवलपमेंट सैस के साथ राजस्थान में प्राइस सबसे ज्यादा है. इस वजह से वाहन चालक पड़ोसी राज्यों (Neighboring states of Rajasthan) के पेट्रोल-पंप को से तेल भरवा रहे हैं. जिसके चलते राजस्थान के गत 3 वर्षों में करीब 270 पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं.
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राजस्थान में 13 और 14 सितंबर को पेट्रोल पंप ऑपरेटर्स हड़ताल पर है. वजह है हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और गुजरात और यूपी के मुकाबले राजस्थान में पेट्रोल पर वैट ज्यादा होने के कारण रिटेल आउटलेट पर ब्रिकी कम हो गई है. राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि ये सांकेतिक बंद है. सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक प्रदेश के सभी पेट्रोल पंप बंद रहेंगे. यदि इसके बाद बाद भी सरकार वैट कम नहीं करेगी तो 15 सितंबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल होगा. हालांकि हड़ताल के दौरान एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और दूसरे जरूरी सेवा में लगे वाहनों को पेट्रोल-डीजल मिलेगा.
हड़ताल से राजस्व का नुकसान
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का दावा है कि हड़ताल के चलते प्रदेश सरकार को 30 करोड़ से ज्यादा के राजस्व के नुकसान होने का अनुमान है. पेट्रोल-डीजल का रेट ज्यादा होने से दूसरे राज्यों से तेल की तस्करी भी हो रही है. दूसरे राज्यों से अवैध रूप से ड्रमों में पेट्रोल-डीजल लाकर यहां बेचा जा रहा है. एसोसिएशन की मांग है कि सरकार वैट कम करे तो प्राइज भी कम होगा जिससे दूसरे राज्यों से हो रही तेल की तस्करी पर रोक लगाया जा सकेगा. एसोसिएशन का दावा है कि यदि वैट कम होगा तो राजस्थान में पेट्रोल 16 रुपए तक और डीजल 11 रुपए तक सस्ता हो सकता है.
पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल 16 रुपए तक मिल रहा सस्ता
चूंकि राजस्थान के पड़ोसी राज्य यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और गुजारात में पेट्रोल 16 रुपए तक और डीजल 11 रुपए तक सस्ता है. राजस्थान की तरफ जाने वाले वाहन चालक अक्सर दूसरे राज्यों में ही टंकी फुल करा लेते हैं. इससे राजस्थान के पेट्रोल पंप संचालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि रोड मेंटीनेंस के लिए 1.5 किमी की दर से लिया जाने वाला सेस हटाकर पंजाब और हरियाणा के पास वाले जिलों में तेल डिपो खोला जाए जिससे परिवहन खर्चे भी कम होगा. वैट कम कर सेस हटाकर और परिवहन खर्च कम कर प्राइस कम करने से पेट्रोल पंपों की सेल बढ़ेगी और रेवेन्यू भी ज्यादा आएगा.
राजस्थान में जिलेवार पेट्रोल प्राइस
राजस्थान में सबसे महंगा पेट्रोल श्रीगंगानगर में 113.49 रुपए प्रति लीटर है. वहीं सबसे सस्ता 108 रुपए 18 पैसे भरतपुर में है. देखा जाय तो प्रदेश में पेट्रोल प्राइस 108-113 रुपए के बीच है. अलग-अलग जिलों में पेट्रोल-डीजल प्राइस में अंतर की वजह तेल डिपो की दूरी है. परिवहन खर्च बढ़ने से प्राइस बढ़ जाता है.
पड़ोसी राज्यों में इतना सस्ता मिल रहा पेट्रोल-डीजल
राज्य | पेट्रोल प्राइस | डीजल प्राइस |
दिल्ली | 10-12 रुपए | 5-6 रुपए |
पंजाब | 12-16 रुपए | 8-10 रुपए |
हरियाणा | 11-13 रुपए | 3-4 रुपए |
गुजरात | 12-14 रुपए | 2-3 रुपए |
यूपी | 8-10 रुपए | 3-5 रुपए |
तेलंगाना में वैट ज्यादा फिर भी सस्ता पेट्रोल क्यों?
राजस्थान के मुकाबले तेलंगाना में सबसे ज्यादा पेट्रोल पर 35.20 फीसदी और डीजल पर 27 फीसदी वैट है. वहीं तेलंगाना में पेट्रोल 110.21 रुपए प्रति लीटर और डीजल 98.36 प्रति लीटर है. डीजल का भाव तो राजस्थान के बराबर है पर पेट्रोल का रेट करीब 3 रुपए तक कम है. चूंकि राजस्थान में वैट के साथ 1.5 रुपए प्रति लीटर रोड डेवलपमेंट सैस भी वसूला जा रहा है. इसलिए पेट्रोल प्राइस यहां तेलंगाना के मुकाबले ज्यादा है.
राजस्थान समेत 5 पड़ोसी राज्यों में वैट और पेट्रोल-डीजल प्राइज
राज्य | पेट्रोल पर VAT | डीजल पर VAT | पेट्रोल प्राइस | डीजल प्राइस |
राजस्थान | 31.04% | 19.30% | 113.49 | 98.24 (श्रीगंगानगर में सर्वाधिक) |
पंजाब | 15.74% | 12.00% | 96.96 | 87.29 |
हरियाणा | 18.20% | 16.00% | 97.18 | 90.05 |
गुजरात | 13.70% | 14.90% | 96.42 | 92.17 |
यूपी | 19.36% | 17.08% | 96.35 | 89.52 |
दिल्ली | 19.40% | 16.75% | 96.72 | 89.62 |
मध्य प्रदेश | 29% | 19% | 109.69 | 94.83 |
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