रिश्वत को लेकर मंत्री रामलाल जाट और पटवारी हुए आमने सामने, एक-दूसरे पर लगाए ये गंभीर आरोप

Minister and Patwaris told each other corrupt: राजस्थान (rajasthan news) की राजधानी जयपुर में पटवारी (patwari strike) अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को राजस्व मंत्री रामलाल जाट (minister ramlal jaat) के आवास का घेराव करने पहुंचे. इस दौरान मंत्री और पटवारी आमने-सामने आ गए और एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. […]

रिश्वत को लेकर मंत्री रामलाल जाट और पटवारी हुए आमने सामने, एक-दूसरे पर लगाए ये गंभीर आरोप

रिश्वत को लेकर मंत्री रामलाल जाट और पटवारी हुए आमने सामने, एक-दूसरे पर लगाए ये गंभीर आरोप

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Minister and Patwaris told each other corrupt: राजस्थान (rajasthan news) की राजधानी जयपुर में पटवारी (patwari strike) अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को राजस्व मंत्री रामलाल जाट (minister ramlal jaat) के आवास का घेराव करने पहुंचे. इस दौरान मंत्री और पटवारी आमने-सामने आ गए और एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. पटवारियों ने ट्रांसफर पोस्टिंग में लाखों रुपये लेने का आरोप लगाया. वहीं मंत्री रामलाल जाट ने जवाब में कहा कि आप लोग तो आए दिन एसीबी (ACB) की पकड़ में आते रहते हैं.

गौरतलब है कि पटवारी, नायब तहसीलदार और गिरदावरों ने बुधवार को जयपुर में मंत्री रामलाल जाट के आवास के बाहर अपनी मांगों को लेकर धरना दिया. प्रदर्शन के दौरान पटवारियों ने मंत्री को ज्ञापन देने के लिए बाहर बुलाया. इस दौरान पटवारियों और मंत्री ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने शुरू कर दिए.

‘ट्रांसफर के लिए 1 लाख रुपये तक लेते हैं’

पटवार संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र कविया ने कहा कि हमारे कई ऐसे साथी हैं जिनका ट्रांसफर पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर जैसे दूर-दराज के क्षेत्रों में कर दिया. अब वे इधर ट्रांसफर चाहते हैं तो 50 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक मांगते हैं. उन्होंने कहा कि ट्रांसफर में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. दरअसल, मंत्री की अनुशंसा या अनुमति पर ही पटवारियों के ट्रांसफर किए जाते हैं.

रिश्वत आप लेते हो बदनामी सरकार की होती है: मंत्री

पटवारियों द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद राजस्व मंत्री ने उन्हें भी खरी-खोटी सुना दी. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले में सबसे ज्यादा पटवारी पकड़े जाते हैं. रजिस्ट्री और नामांतरण से जुड़े 80 फीसदी मामलों को आप 2-3 महीनों से भी ज्यादा अटकाए रहते हैं. आए दिन पटवारियों के रिश्वत लेने के मामले सामने आते रहते हैं. अभी भी मैं एक पटवारी का पढ़ रहा था. ये चीजें आप लोगों से जुड़ी हुई है जो हमारे माथे पड़ती है. बदनामी सरकार की होती है.

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