IPS Pankaj Chaudhary Exclusive Interview: राजस्थान (Rajasthan News) के चर्चित आईपीएस (IPS) अधिकारी पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल, उन्होंने सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) से मांग की है कि उन्हें केवल 3 महीनों के लिए आरपीएससी (RPSC) का चेयरमैन बना दिया जाए. उनका दावा है कि वह 3 महीने में ही भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक (Paper Leak) और RPSC में हो रहे तमाम भ्रष्टाचार को ठीक कर देंगे. आईपीएस पंकज चौधरी ने ‘राजस्थान तक’ वेबसाइट के असोसिएट प्रोड्यूसर ओमप्रकाश शर्मा से विशेष बातचीत में वो फॉर्मूला भी बताया है जिससे वह RPSC का कायापलट कर देंगे. इसके लिए वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जल्द ही एक चिट्ठी भी लिखने वाले हैं.
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आईपीएस पंकज चौधरी ने ‘राजस्थान तक’ को बताया, “मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पत्र का जो भी जवाब आएगा उस जिम्मेदारी के लिए मैं तैयार हूं. लाखों करोड़ों लोगों के बीच से अगर ईश्वर ने मुझे आईपीएस की वर्दी दी है तो मेरे पास समय कम है. मेरी उपयोगिता बहुत ज्यादा है. मुझे समाज और देश के लिए बहुत कुछ करना है.”
RPSC में सुधार के लिए IPS पंकज चौधरी ने बताई 5 बातें:
1. राजस्थान के प्रतिष्ठित, सामाजिक सरोकार से जुड़े निडर, प्रतिभाशाली, कर्मठ, ईमानदार, निष्पक्ष व यूथ के प्रति संवेदनशील व्यक्तियों की ही RPSC चेयरमैन व सदस्य पद पर नियुक्ति की जाए.
2. पेपर बनाने के दौरान सभी सवाल फुल प्रूफ, प्रमाणित हो और प्रत्येक सवाल का हर शब्द इंग्लिश व हिंदी में समान अर्थ के साथ होना चाहिए. पेपर पूरी गोपनियता व विधि प्रक्रिया के तहत तैयार हो ताकि किसी भी परीक्षा को माननीय न्यायालय का मुंह नहीं देखना पड़े.
3. RPSC के समस्त पुराने स्टाफ की तत्काल छटनी हो. नए सिरे से समस्त नयी नियुक्तियां हों. चयनित अधीन स्टाफ की कार्यशैली, इंटेग्रिटी व ईमानदारी सर्वोच्च स्तर की हो.
4. सभी परीक्षाओं का कैलेंडर, विज्ञप्ति समय पूर्व तैयार हो, पब्लिश हो, प्रत्येक परीक्षा समयबद्ध तरीके से संचालित हो. परीक्षा संचालन की अलग स्पेशल टीम गठित हो जो प्रत्येक पेपर की जिम्मेदारी लेगी.
5. कोचिंग माफिया व स्थानीय दलालों का किसी भी प्रकार से RPSC में प्रवेश वर्जित हो. राजनीतिक दबाव व प्रभाव का प्रयोग करने वाले उम्मीदवार RPSC की समस्त परीक्षा के अयोग्य माने जाएं.
यहां पढ़िए IPS पंकज चौधरी से बातचीत के प्रमुख अंश:
सवाल: RPSC सदस्यों पर कई भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और भ्रष्टाचार के आरोप हैं. क्या आप मानते हैं कि RPSC के सदस्य राजनीतिक रूप से नियुक्त हुए हैं?
IPS पंकज चौधरी: आरपीएससी में जो नियुक्तियां होनी चाहिए वो बेहद ही पारदर्शी और निष्पक्ष व्यक्ति होने चाहिए. वो व्यक्ति जो सामाजिक सरोकार से जुड़े हुए हों और जिनकी छवि पर कोई सवाल नहीं हो. प्रत्येक अभ्यर्थी आयोग को एक मंदिर की तरह मानता है. वो मानता है कि अंदर जो भी हो रहा है वो बहुत ही पवित्र तरीके से हो रहा है. लेकिन जब सामने आता है कि कोई मेंबर जेल में चला गया है और पेपर लीक में शामिल है तो छात्रों का मनोबल टूटता है. जो नियुक्तियां की गई हैं उनमें कहीं न कहीं गड़बड़झाला है. क्योंकि अगर वह पकड़े जा रहे हैं तो इसका मतलब है कि हमने उनकी सही स्क्रीनिंग नहीं की.
सवाल: आपने RPSC में सुधार के लिए केवल तीन महीनों का समय मांगा है. क्या आपको नहीं लगता कि आपने अति उत्साह में बहुत कम समय मांग लिया?
IPS पंकज चौधरी: देखिए, किसी भी विभाग में जो जरूरी काम होते हैं वो शुरुआती चरणों में होते हैं. जो आपका विजन है उसको लागू करने में 3 महीने तो बहुत ज्यादा समय है. मैं तो एक नॉर्मल समय लेकर चल रहा हूं जिसमें आप आराम से सारी प्रक्रिया लागू कर सकते हैं. सबसे बड़ा चैलेंज केवल ये है कि आरपीएससी चेयरमैन और उसके सदस्यों की नियुक्ति पारदर्शी हो.
सवाल: आप सीएम को जख्मी जादूगर कह रहे हैं. यह लिखने के पीछे आपका क्या उद्देश्य है?
IPS पंकज चौधरी: यह तो सामान्य बोलचाल की भाषा है. अगर मुझे चोट लगती है तो कोई भी कहेगा कि आप चोटिल हो गए. मैं सीएम को एक प्रपोजल जल्द भेजने वाला हूं. उसमें वो सारे बिंदू बताए जाएंगे जिनसे आरपीएससी को पारदर्शी बनाया जा सकता है. ये आरपीएससी की कार्यप्रणाली को मजबूत करने का प्रयास है.
सवाल: अगर आपको RPSC का चेयरमैन बना दिया जाए तो भी सरकार का दबाव तो रहेगा. आपके लिए सरकार के दबाव के बिना काम करना कितना मुश्किल है?
IPS पंकज चौधरी: अब इतनी बातें निकल चुकी हैं तो ये क्लियर है कि जब भी आरपीएससी में कोई गठन होगा तो यह क्लियर रहेगा कि कोई उनके ऊपर दबाव नहीं डाल पाए. सबकी निगाहें चेयरमैन और आरपीएससी की कार्यप्रणाली के ऊपर रहेगी. कोई चाहकर भी किसी के ऊपर दबाव नहीं डाल पाएगा. कोई कोचिंग माफिया भी इस प्रकार का दबाव नहीं डाल पाएंगे क्योंकि उन्हें पता रहेगा कि अब चेयरमैन कोई और है.
सवाल: आप पेपरलीक का दर्द झेल रहे युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगे.
IPS पंकज चौधरी: मैं उन्हें एक ही बात कहना चाहूंगा कि परिस्थितियां कैसी भी हों अपना हौसला बनाए रखें. अगर कहीं कुछ खामियां हैं तो उन्हें संगठित प्रयास करते हुए अपनी बातों को सक्षम मंच पर रखना है. अपने बचपन और युवाकाल में जो सपने आपने संजोएं हैं उनके लिए लगन, जज्बे और ईमानदारी के साथ काम करें. इसके बाद जो सफलता मिलेगी उसका अलग ही आनंद आएगा.
जानें कौन हैं IPS पंकज चौधरी
2009 बैच के आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी अपनी तेज तर्रार छवि के लिए जाने जाते हैं. उन्हें राज्य सरकार की सिफारिश पर केन्द्र सरकार ने फरवरी 2019 में बर्खास्त कर दिया था. आरोप था कि उन्होंने पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी कर ली थी. बर्खास्तगी के बाद आईपीएस पंकज केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में चले गए. वहां से निर्दोष साबित होने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी पक्ष में निर्णय आने पर पंकज चौधरी ने 2021 में वापस सर्विस जॉइन कर ली.
बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से जताई थी दावेदारी
बर्खास्तगी के बाद आईपीएस पंकज चौधरी ने राजनीति में भी अपना भविष्य तलाशना चाहा. उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा से बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया था जिसे खारिज कर दिया गया. नामांकन में सर्विस से बर्खास्तगी के दस्तावेज पेश नहीं करने पर उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया.
पहली पोस्टिंग के दौरान खोली गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट
पंकज चौधरी को 2013 में जैसलमेर एसपी के रूप में पहली पोस्टिंग मिली. इस दौरान उन्होंने गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोल दी. गाजी फकीर मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरु और राजस्थान सरकार के मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता थे. उनकी इस कार्रवाई के बाद उन्हें बाड़मेर एसपी पद से हटा दिया गया. हालांकि उनके इस ट्रांसफर पर लोगों ने काफी विरोध किया था.
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