Shyam Rangeela: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफारी जैसा वीडियो बनाने वाले मिमिक्री आर्टिस्ट श्याम रंगीला को नोटिस थमाया गया है. कॉमेडियन श्याम रंगीला ने जयपुर के झालाना में पीएम की नकल के चक्कर में सफारी जैसा हूबहू उन्हीं के गेटअप में वीडियो बनाते हुए नियम तोड़े थे, जिसके बाद वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट का उल्लंघन कर उन्हें नोटिस दिया गया है. श्याम रंगीला ने झालाना सफारी के दौरान नीलगाय को खाना खिलाया और उसका वीडियो वायरल कर दिया जो उन्हें महंगा पड़ गया.
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आमतौर पर कई टेलीविजन शो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, अशोक गहलोत सहित कई राजनेताओं की मिमिक्री कर सुर्खियां बटोरने वाले राजस्थान के मशहूर आर्टिस्ट श्याम रंगीला ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा टाइगर प्रोजेक्ट के 50 साल पूरे होने पर हाल में कर्नाटक के मुदुमलाई और बांदीपुर टाइगर रिजर्व के दौरे की नकल करते हुए जयपुर के झालाना जंगल में वीडियो शूट किया. जैसे प्रधानमंत्री मोदी की सफारी की फोटो वायरल हुई थी जिसमें वो टोपी, चश्मा पहने नजर आए. ठीक उसी गेटअप में श्याम रंगीला ने शूट किया जिसके फोटो-वीडियो वायरल हो गए. लेकिन उसमें कुछ वीडियो और फोटो नील गाय को खाना खिलाने की भी थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया.
जयपुर क्षेत्रीय वन अधिकारी जनेश्वर चौधरी ने बताया कि यूट्यूब चैनल श्याम रंगीला पर 13 अप्रैल को झालाना लैपर्ड रिजर्व का वीडियो अपलोड किया गया था, इस वीडियो में जंगल में गाड़ी से नीचे उतरकर अपने हाथ से वन्य प्राणी नीलगाय को खाद्य पदार्थ खिलाते नजर आए. जो वन्य प्राणियों को खाद्य पदार्थ खिलाना वन अधिनियम 1953 व वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों का उल्लंघन है. वन्य जीवों को खाद्य पदार्थ खिलाने से कई प्रकार की गम्भीर बीमारियां हो जाती है. और यहां तक की उनकी जान को खतरा हो जाता है. वन्य जीवों को खाद्य पदार्थ नहीं खिलाने को लेकर झालाना जंगल में चेतावनी सूचना बोर्ड भी लगाये हुए हैं, इसके बावजूद भी श्याम रंगीला द्वारा नीलगाय को खाद्य पदार्थ खिलाया गया है, जो वन अधिनियम 1953 व वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन है.
उन्होंने कहा कि श्याम रंगीला ने इस कृत्य से न केवल वन्यजीव अपराध किया है बल्कि उसका वीडियो शूट प्रसारित कर अन्य लोगों को भी अपराधिक कृत्य करने को उत्प्रेरित किया है. ऐसे में इस प्रकरण में अन्वेषण कर अग्रिम कानूनी कार्रवाई की जानी हैं. इसके लिए श्याम रंगीला को सोमवार को कार्यालय क्षेत्रीय वन अधिकारी जयपुर में पेश होना हैं. यदि तय समय पर श्याम रंगीला पेश नहीं होते हैं तो आगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
मिल सकती है यह सजा
श्याम रंगीला को इस अपराध में कम से कम 3 साल का कारावास जो कि 7 साल की अवधि के लिए बढ़ाया भी जा सकता है और कम से कम 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा दी जा सकती है. दूसरी बार इस प्रकार का अपराध करने पर यह दण्ड कम से कम 3 साल से लेकर 7 साल और कम से कम जुर्माना 25 हजार रुपए का वसूला जा सकता है.
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