Alwar: मिट्टी व पर्यावरण सुरक्षा के लिए पश्चिम बंगाल का एक दंपत्ति साइकिल पर पूरे देश की यात्रा के लिए निकला है. बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख और हिमाचल हरियाणा होते हुए यह दंपति ने राजस्थान में प्रवेश किया. राजस्थान के अलवर पहुंचे दंपत्ति ने बताया कि अगर पर्यावरण सुरक्षित नहीं रहेगा. तो हम नहीं बचेंगे. इसलिए मिट्टी और पर्यावरण को सुरक्षित रखना जरूरी है. अभी तक दंपति 9000 किलोमीटर का सफर साइकिल पर तय कर चुका है.
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पश्चिम बंगाल के वर्तमान जिले के आसनसोल के एक दंपति मिट्टी व पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए देश की यात्रा पर साइकिल से निकला है. यह दंपति उत्तर भारत के 10 राज्यों की अब तक 9000 किलोमीटर यात्रा कर चुका है. राजस्थान में सबसे पहले अलवर से दंपति ने यात्रा शुरू की अलवर के लोगों ने उनका स्वागत किया.
पर्यावरण को बचाना खास मकसद
खास बातचीत में दंपति ने बताया कि पर्यावरण इस समय सबसे ज्यादा प्रदूषित हो रहा है. उसे पर किसी का ध्यान नहीं है. सरकारी योजना चल सकती है. लेकिन हमें अपने आसपास का क्षेत्र खुद साफ करना होगा. पूरे देश की यात्रा करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने पर्यावरण को लेकर यात्रा करने का फैसला लिया. यात्रा के दौरान वो मंदिर गुरुद्वारों में रुके. तो कुछ जगहों पर टेंट में रात गुजारी. अब लोग उनको अपने घर में बुलाते हैं. उनसे यात्रा का अनुभव पूछते हैं. जहां भी वो जाते हैं. मिट्टी में पर्यावरण सुरक्षा के लिए लोगों को जागरुक करते हैं.
अकेले करना चाहते थे यात्रा
राजस्थान के बाद दक्षिण भारत कि राज्यों की यात्रा करेंगे. सोहेल ने कहा कि पहले वो अकेले यात्रा करना चाहते थे. लेकिन उनकी पत्नी लक्ष्मी ने भी साथ यात्रा करने की बात कही. तो दोनों ने एक साथ साइकिल पर यात्रा करने का फैसला लिया. सोहेल ने दावा किया कि वो देश के पहले दंपति हैं. जो एक साथ साइकिल की यात्रा पर निकले हैं. लोग पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं. इसका प्रभाव ग्लेशियर पर पढ़ रहा है. साथ ही अब गर्मी के मौसम में गर्मी नहीं पड़ती बारिश के मौसम में बारिश नहीं होती. सर्दी भी कम होने लगी है. लगातार मौसम में बदलाव हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण पर्यावरण है.
अलवर में हुआ स्वागत
अलवर शहर के बिजली घर चौराहे पर दंपति का स्वागत किया गया. इस दौरान न्यायिक अधिकारी शहर के प्रमुख लोग मौजूद रहे. शनिवार सुबह दंपति ने साइकिल से आगे की यात्रा शुरू की. उन्होंने कहा कि उनका अगला पड़ाव जयपुर होगा. प्रतिदिन वह एक दिन में 70 से 100 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं. जबकि पहाड़ी क्षेत्र में 40 से 50 किलोमीटर साइकिल चलाई थी. समतल क्षेत्र में साइकिल चलाने में आसानी होती है. तो इन राज्यों में लोग उनका उत्साहवर्धन कर रहे हैं. ऐसे में उनका मोटिवेशन मिल रहा है. युवा पीढ़ी को संदेश देते हो उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को जागरूक होना होगा. जगह-जगह कचरा की ढेर लगे रहते हैं. इससे हमारे मिट्टी व पर्यावरण दूषित होता है.
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