Alwar: 77 साल बाद गांव को मिला रास्ता, कोर्ट भी नहीं हल कर पाया केस, 10 मिनट में ऐसे सुलझा मामला

Himanshu Sharma

27 May 2024 (अपडेटेड: May 27 2024 11:34 AM)

Alwar: कोटपूतली-बहरोड़ जिले के नीमराणा के पास एक छोटे से गांव में रहने वाले लोगों को आजादी के 77 साल बाद गांव में आने जाने का रास्ता मिला है. यह मामला कई सालों तक न्यायालय में चला. लेकिन जब वहां समस्या का समाधान नहीं हो पाया.

Alwar: 77 साल बाद गांव को मिला रास्ता, कोर्ट नहीं सुलझा पाया केस, 10 मिनट में ऐसे सुलझा मामला

Alwar: 77 साल बाद गांव को मिला रास्ता, कोर्ट नहीं सुलझा पाया केस, 10 मिनट में ऐसे सुलझा मामला

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Alwar: कोटपूतली-बहरोड़ जिले के नीमराणा के पास एक छोटे से गांव में रहने वाले लोगों को आजादी के 77 साल बाद गांव में आने जाने का रास्ता मिला है. यह मामला कई सालों तक न्यायालय में चला. लेकिन जब वहां समस्या का समाधान नहीं हो पाया. तो 10 गांव की पंचायत बुलाई गई और पंचायत ने मिनट में समस्या का समाधान कर दिया. इस दौरान काश्तकारों ने रास्ते के लिए अपनी जमीन दान की. इस पर वहां मौजूद लोगों ने जमीन दान करने वाले किसानों को धन्यवाद दिया.

सरकारी विकास के बड़े दावे करती हैं, लेकिन कोटपूतली बहरोड़ जिले के नीमराना क्षेत्र के पास कुतीना ग्राम पंचायत में कांकर की ढाणी गांव का कोई रास्ता नहीं था. लोगों को खेतों में से होकर आना जाना पड़ता था. आजादी के 77 साल बाद भी रास्ते के लिए लोग परेशान होते रहे. जिला कलेक्टर सहित अधिकारियों के चक्कर लगाए. लेकिन उसके बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं निकला. तो ग्रामीणों ने न्यायालय की शरण ली. लेकिन वहां भी समस्या का समाधान नहीं हुआ. ऐसे में परेशान लोगों ने अंत में 10 गांव की पंचायत बुलाई गई और इस पंचायत में 77 सालों की समस्या का मिनट में समाधान हो गया. कुतीना सरपंच रविंद्र सिंह चौहान महल का पटवारी विकास यादव और मुकुल सिंह की मौजूदगी में 20 फुट का रास्ता निर्धारित किया गया.

किसानों ने दान की जमीन

इसके बाद गांव के काश्तकारों ने रास्ते के लिए जमीन दान की. ग्रामीणों ने स्वेच्छा से रास्ते के लिए जमीन देने की सहमति दी. तो इस दौरान पंचायत में मौजूद 10 गांव के लोगों ने जमीन दान करने वाले किसानों का सम्मान किया व उनको धन्यवाद दिया. इस रास्ते को कांकर शिव मंदिर से बड़ा जोहड़ की ओर कांकर की ढाणी होते हुए हरियाणा के मोहनपुर सड़क मार्ग जोड़ा जाएगा. गांव के सरपंच ने बताया कि आजादी के समय से ही बसे हुए कांकर की ढाणी गांव में आवागमन के लिए कोई भी सार्वजनिक आम रास्ता नहीं था. जिससे ग्रामीण परेशान होते थे. गांव में कोई वाहन नहीं जा पाता था. मेडिकल इमरजेंसी व अन्य जरूरी कार्यों के दौरान ग्रामीणों को परेशानी होती थी. इस गांव का कनेक्शन आसपास के गांव व शहरों से टूटा हुआ था.

गांव में जश्न का माहौल

इस कार्य के लिए शाहजहांपुर सरपंच प्रतिनिधि गिर्राज यादव के नेतृत्व में स्थानीय सरपंच रविन्द्र सिंह चौहान, हरियाणा के खंडोडा के पूर्व सरपंच सत्यनारायण सहित करीब 10 गांव के लोगों ने सार्वजनिक रास्ता खोलने के लिए जमीन से संबंधित खाताधारक को जमीन दान देने के लिए प्रेरित किया. आम सहमति बनने पर खातेदार मुनीराम, प्रताप सिंह चौहान, बेनी प्रसाद यादव, कंवर सिंह पंच मूल चंद यादव, पोप सिंह चौहान, होशियार यादव, बाबू यादव सहित से सार्वजनिक हितार्थ समझाइस पर जमीन का हिस्सा रास्ते के लिए देने पर सहमति के लिए तैयार किया गया. गांव के रास्ते के लिए सहमति बनने के बाद गांव में जश्न का माहौल है तो लोग कहते खुश दिखाई दिए.

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