Sawan 2024: राजस्थान का वो चमत्कारिक मंदिर जहां दिन में 3 बार रंग बदलता है शिवलिंग

राजस्थान तक

22 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 22 2024 3:58 PM)

Achaleshwar Mahadev Temple: राजस्थान में तमाम मंदिर हैं, जिनसे जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स भी हैं. 'अजब-गजब' में आज हम एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं.

Achaleshwar Mahadev Temple (Credit: Umesh Mishra)

Achaleshwar Mahadev Temple (Credit: Umesh Mishra)

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राजस्थान अपने महलों और किलों के लिए तो दुनियाभर में फेमस है ही, यहां तमाम ऐसे मंदिर (Temples in Rajasthan) भी हैं जिनसे जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स हैं. इन मंदिरों से जुड़े रहस्य सालों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. आज सावन के पहले सोमवार (sawan somvar 2024) को 'अजब-गजब' में हम भगवान शिव के एक ऐसे ही चमत्कारिक मंदिर (Achleshwar Mahadev Temple) के रहस्य के बारे में बताएंगे जिसके बदलते रूप को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है.

राजस्थान के धौलपुर (Dholpur News) जिले में चंबल नदी के बीहड़ों में मौजूद शिव मंदिर को लोग अचलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जानते हैं.  बताया जाता है कि इस मंदिर में शिवलिंग (Shivling that changes color) दिनभर में तीन बार रंग बदलता है. इसे देखना श्रद्धालुओं के लिए काफी रोमांच भरा होता है. मंदिर में शिवलिंग सुबह लाल, दोपहर में केसर और शाम को गेहुंआ दिखता है.

शिवलिंग के रंग बदलने की ये है वजह!

कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि शिवलिंग पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों के कारण उसका रंग बदलता है. लेकिन इसके बारे में सही वैज्ञानिक जानकारी अभी नहीं मिल पाई है. मंदिर के इस दिलचस्प नजारे को देखने के लिए कई लोग तो सुबह से शाम तक अचलेश्वर महादेव मंदिर में रुकते हैं. 

2500 साल पुराने इस मंदिर का एक और प्रमुख आकर्षण नंदी की मूर्ति भी है. यह पीतल की नंदी पांच अलग-अलग धातुओं को मिलाकर बनाई गई है. आसपास के लोग बताते हैं कि जब मुस्लिम आक्रमणकारी मंदिर पर हमला करने की कोशिश में थे तब नंदी की इस मूर्ति ने उनके ऊपर हजारों मधुमक्खियों को छोड़ दिया था.

आज तक नहीं मापी जा सकी शिवलिंग की गहराई

अचलेश्वर महादेव मंदिर के शिवलिंग की गहराई मापने के लिए एक बार कुछ लोगों ने इसके चारों तरफ खुदाई करवाई थी. लेकिन काफी गहरी खुदाई के बावजूद भी शिवलिंग का दूसरा छोर नहीं पता लग पाया. इसे देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति हैरान रह गया और इस खुदाई को वहीं रोक दिया गया. 

श्रद्धालुओं की मनचाही इच्छा होती है पूरी

इस मंदिर से लोगों की आस्था इस कदर जुड़ी हुई है कि आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आती है. मान्यता है कि शिवलिंग के दर्शन करने से यहां आने वाले लोगों की हर इच्छा पूरी हो जाती है. लोगों का तो ये भी मानना है कि कुंवारे लड़के-लड़कियों को शिवलिंग के दर्शन से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है. इसलिए अविवाहित लोग 16 सोमवार और सावन के दिनों में जल चढाने यहां आते हैं.

कैसे पहुंचें धौलपुर? (How to reach Achleshwar Mahadev Temple)

अचलेश्वर महादेव मंदिर धौलपुर के चंबल में स्थित है. धौलपुर शहर की राजस्थान के लगभग सभी अन्य शहरों से ठीक-ठाक कनेक्टिविटी है. धौलपुर जयपुर से लगभग 280 किमी और आगरा से 55 किमी की दूरी पर है. अन्य शहरों से बसों की भी अच्छी कनेक्टिविटी है और अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो अधिकांश राज्यों से ट्रेनें धौलपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर आती हैं. वहीं आगरा हवाई अड्डा (खेरिया हवाई अड्डा स्टेशन) धौलपुर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है.

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