World Smallest Gold Handbag: राजस्थान (rajasthan news) के उदयपुर (udaipur news) के कलाकार डॉ. इकबाल सक्का ने एक ऐसा हैंडबैग बनाया है जो चीनी के दाने से भी छोटा है. यहां तक कि उसे ठीक से देखने के लिए आपको लेंस तक लगाना पड़ेगा. लेकिन उनका सूक्ष्म कलाकृतियों को बनाने का जुनून ऐसा है कि अपनी एक आंख गंवाने के बावजूद वह नहीं रुके. कला के प्रति उनका यह जुनून आज उनको देश-विदेश में चर्चित बना रहा है.
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अंतरराष्ट्रीय शिल्पकार डॉक्टर इकबाल सक्का ने बताया कि उन्होंने 24 कैरेट सोने का मात्र 0.02 इंच से भी कम यानी शक्कर के दाने से भी छोटा सोने का तिरंगा बैग बनाया है जो दुनिया का सबसे छोटा हैंडबैग है. खास बात यह है कि डॉ. इकबाल सक्का ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस हैंडबैग की नीलामी के लिए निवेदन किया है. इसके साथ ही उन्होंने नीलामी से प्राप्त राशि को बाढ़ राहत कोष में देने की भी मांग की है.
तोड़ा न्यूयॉर्क का रिकॉर्ड
सबसे छोटा बैग बनाने का रिकॉर्ड अमेरिका के न्यूयॉर्क के नाम था. न्यूयॉर्क की कला समूह एमएसएचएफ ने केमिकल फोटो पोलीमराइजेशन और जेल केस से विश्व का सबसे छोटा 0.03 इंच का बैग बनाया था. इसका निर्माण मशीनों के माध्यम से हुआ था जो 54 लाख रुपए में नीलाम हुआ था. अब इस हैंडबैग का रिकॉर्ड उदयपुर के इकबाल सक्का ने तोड़ दिया है.
आंख की रोशनी चली गई लेकिन हैंडबैग को पूरा बनाया
डॉ. इकबाल सक्का ने बताया कि हैंडबैग को 24 कैरेट सोने से बनाया गया है. उन्होंने उसे तीन दिन में बनाया और इस दौरान उनकी एक आंख की रोशनी चली गई. उसके बाद भी वह नहीं रुके और अपने काम को दूसरी आंख के सहारे पूरा किया. सक्का के अनुसार, डॉक्टरों ने बताया कि छोटी चीज पर एक ही आंख से लगातार देखने के कारण रोशनी गई है. हालांकि ऑपरेशन के बाद उन्हें फिर से दिखाई देने लगा है.
8 दिन तक होता है आंखों में दर्द
कलाकार सक्का ने बताया कि जब वह इस तरह की महीन चीजें बनाते हैं तो अक्सर 7-8 दिन तक आंखों में दर्द रहता है. वे कहते हैं कि इसके बाद भी उन्होंने सुक्ष्म हैंडबैग बनाया है. उसे जब वजन मापने वाली मशीन पर रखा गया तो उसने कोई वजन नहीं बताया. आपको बता दें कि इससे पूर्व भी सक्का सूक्ष्म कलाकृतियों के लिए कई अवॉर्ड जीतकर उदयपुर का पूरी दुनिया में नाम रोशन कर चुके हैं.
100 से ज्यादा वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं सक्का के नाम
डॉ. इकबाल सक्का लंबे समय से सोने सूक्ष्म कलाकृतियां बना रहे हैं. इन कलाकृतियों के जरिए वह अब तक 100 से ज्यादा वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके हैं. बड़ी बात तो यह है कि विश्व या देश स्तर पर कोई भी आयोजन हो, आपदा आए, स्पोट्र्स टूर्नामेंट होते हैं, उस अवसर पर वह कभी ट्रॉफी तो कभी उस अवसर से जुड़ी वस्तुएं बनाते रहते हैं.
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