टोंक जिले के एक सरकारी स्कूल में लापरवाही का मामला सामने आया. जहां कर्मचारी की चूक के चलते महज 4 साल का एक बच्चा स्कूल में ही बंद रह गया. घटना बीतें 18 जुलाई की मालपुरा उपखंड के डेचवास स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की है. घटना के सामने आने के बाद ग्रामीणों ने स्कूल पहुंचकर विरोध जाहिर किया. दरअसल, 4 साल का कृष्ण जाट स्कूल का छात्र नहीं है. बल्कि अपने बड़े भाई आयुष के साथ स्कूल देखने गया था. पहली कक्षा में पढ़ने वाले आयुष का छोटा भाई गहरी नींद में सो गया. स्कूल की छुट्टी हुई तो सभी बच्चों के साथ आयुष तो घर लौट गया, लेकिन वह अपने भाई को नींद से जगाकर साथ ले जाना भूल गया.
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जिसके बाद शिक्षिका ने भी बिना परिसर को चेक किए स्कूल में ताला जड़ दिया और हर बार की तरह पड़ोस के मकान में चाबी देकर शिक्षिका घर के लिए रवाना हो गई. जब बच्चा नींद से जागा तो रोने लगा, जिसकी आवाज वहां से गुजर रहे ग्रामीण ने सुन ली. ग्रामीण ने जब खिड़की से भीतर झांककर देखा तो वह पूरी तरह से चौंक गया. वहां कक्ष के भीतर बच्चा बेहाल अवस्था में रो रहा था.
स्कूल प्रिंसिपल और शिक्षिका निलंबित
जब सूचना के बाद भी लगभग 30 मिनट तक कोई शिक्षक वापिस गांव नहीं लौटा तो ग्रामीणों ने गांव में रखी गई दूसरी चाबी से ताला खोलकर बच्चे को बाहर निकाला गया. इस मामले में शिक्षकों को जिम्मेदार मानते हुए ग्रामीणों स्कूल जाकर विरोध जाहिर किया. वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए सीडीईओ मालपुरा बाबूलाल गुप्ता और तहसीलदार राहुल पारीक मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने परिजनों, ग्रामीणों और शिक्षकों के बयान दर्ज किए. साथ ही जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारीयों को भेज दी गई. इधर, शाम होते होते शिक्षा विभाग ने मामले में एक्शन लेते हुए कार्यवाहक शाला प्रधान रूबीना खातून और एक अन्य शिक्षिका पूजा चौधरी को प्रारंभिक तौर पर इस घटना के लिए जिम्मेदार मानते हुए निलंबित कर दिया है.
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