Rajasthan: राजस्थान के नागौर जिले (Nagaur) में एक टीचर के रिटायरमेंट पर खुद शिक्षा मंत्री ने पहुंचकर शुभकामनाएं दी. दरअसल, बीते महीने की आखिरी तारीख को प्रदेश में खूब सारे सरकारी कर्मचारी रिटायर हुए. इन्हीं में एक एक शारीरिक शिक्षक (PTI) भी रिटायर हुए. जिनके विदाई समारोह में खुद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पहुंचे. उन्होंने अपने शिष्य होने का फर्ज भी निभाया. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर खुद 250 किलोमीटर चलकर पहुंचे और अपने शिक्षक के पैर छूए.
ADVERTISEMENT
शिक्षामंत्री ने ना सिर्फ शारीरिक शिक्षक की उत्कृष्ट सेवाओं का बखान किया बल्कि उनके काबिल शिष्यों को भी नमन किया जिन्होंने कलयुग में गुरु का मान बढ़ाया. सरकारी सेवाओं से रिटायर्ड होने वाले शारीरिक शिक्षक हनुमान राम देवड़ा हैं, जो नागौर जिले के गोगेलाव गांव सेठ मेघराज एवं माणकचंद बोथरा राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में पिछले 29 वर्षों से लगातार सेवाएं दे रहे थे, जब वो रिटायर्ड हुए तो पुरा गांव भावुक हो गया.
शिक्षा पाकर कमाल कर रहे शिष्य
दरअसल, शारीरिक शिक्षक हनुमान सिंह देवड़ा ने अपने सेवा काल में द्रोणाचार्य बनकर अनेक अर्जुन तैयार किये, जो आज देश की सेवा में लगे है. 32 साल की अपनी सेवा में पीटीआई हनुमान राम देवड़ा ने 29 साल तो सिर्फ इसी गोगेलाव स्कूल को दिए है, जहां उनके तैयार किए हुए 65 शिष्य सेना में हैं, तो वहीं 20 शिष्य पुलिस में सेवाएं दे रहे है. इसके अलावा 1 एसआई हैं, तो 15 से अधिक विद्यार्थी शारीरिक शिक्षक बन गए. इसके साथ ही 18 से अधिक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बने हैं, बाकि सेंकड़ों अन्य सरकारी सेवाएं दे रहे हैं. यही वजह है कि अपने गुरू द्रोणाचार्य के सेवानिवृत्ति समारोह को इन्हीं अर्जुनों ने मिलकर ऐतिहासिक बना दिया. इन शिष्यों ने पूर्व छात्र परिषद नाम से पहले एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाया और फिर सभी शिष्य अपनी सरकारी सेवाओं से छुट्टी लेकर गांव गोगेलाव पहुंच गए. जहां एक सप्ताह तक कई खेल प्रतियोगिताएं, रक्तदान, पौधरोपण कर 31 जुलाई को गुरु को भावुक विदाई देने के साथ उन्हें 10 लाख की लग्जरी कार भी गिफ्ट की.
खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी कर चुके तारीफ
इस मौके पर पीटीआई के 3 शिष्य जो धरती मां के लिए शहीद हो गए उनकी वीरांगनाओं को प्रणाम करते हुए राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि मेरे जीवन में पहला ऐसा कार्यक्रम देखा जहां किसी शारीरिक शिक्षक को उनके शिष्यों ने ऐसे विदाई दी हो. इसके पीछे पीटीआई हनुमान सिंह देवड़ा की त्याग, तपस्या और विद्यार्थियों के प्रति समर्पण है, जो दिखाता है की कैसे एक गुरु ने अपने शिष्यों का ना सिर्फ काबिल बनाया बल्कि उन शिष्यों ने भी इतना बड़ा समर्पण दिखा अपने गुरु का मान बढ़ाया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि संघर्ष से निकलकर हनुमान सिंह देवड़ा ने अपने पद को सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं समझा बल्कि राष्ट्र सेवा के लिए अपने सेंकड़ों शिष्यों को तैयार कर दिल जीता है. इसलिए वो खुद अपने आप को भाग्यशाली समझते है कि ऐसे गुरु के चरण स्पर्श करने का भाग्य उन्हें भी मिला. खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी कुछ महीनों पहले गोगेलाव गांव पहुंच शारीरिक शिक्षक हनुमान सिंह देवड़ा से मिलकर उनके समर्पण की तारीफ कर चुके है.
ADVERTISEMENT