Kota: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम शुक्रवार को फिर कोटा पहुंची.एनआईए ने पीएफआई के दो ऑफिस को UAPA के तहत अटैच किया है. दोनों भवनों में हाल ही में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कार्यालय चलाए जा रहे थे. कोटा के रामपुरा थाना इलाके के लाडपुरा लाल जी घाट स्थित अराकेन बड़ी मस्जिद के पास बने मदरसा फुरकानिया पर नोटिस चस्पा किया गया. इसी तरह से जयपुर में भी एक मकान को सीज किया है.
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एनआईए की जांच के बाद पीएफआई संगठन के दो कार्यालयों को ‘टेरर फडिंग’ मानते हुए अटैच किया गया है. कोटा में संपत्ति अटैच होने की पुष्टि रामपुरा कोतवाली पुलिस ने की है. स्थानीय पुलिस का कहना है कि शुक्रवार को एनआईए की टीम कोटा पहुंची थी, जहां पर एक बिल्डिंग पर एक नोटिस चस्पा किया गया है.
पहले 18 फरवरी को भी एनआईए की टीम कोटा पहुंची थी. यहां उन्होंने दो जगहों पर कार्रवाई की थी, जिसमें एक विज्ञान नगर थाना इलाके में थी. वहीं, और दूसरी कार्रवाई इसी बिल्डिंग पर की गई थी, जहां पर कोई भी व्यक्ति नहीं मिला. पास में स्थित मस्जिद में भी एनआईए की टीम गई और मस्जिद के सदर से बातचीत की और काफी सारी जानकारियां जुटाईं थी. इसी इलाके में पीएफआई का पुराना ऑफिस स्थित था. ऐसे में वहां भी नोटिस चस्पा किया गया था.
एनआईए ने बीते 6 महीने में कोटा संभाग में चार बार कार्रवाई को अंजाम दिया है. पहली बार में कोटा के सांगोद निवासी पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष आसिफ मिर्जा और बारां में एसडीपीआई के प्रदेश सचिव सादिक सर्राफ पर कार्रवाई की थी. सादिक सर्राफ बारां से गिरफ्तार किया था, जबकि आसिफ मिर्जा को केरल से गिरफ्तार किया गया.
17 मार्च को दोनों आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट भी फाइल की है. एनआईए की जांच में आरोप लगाया गया है कि जयपुर और कोटा स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यालय का उपयोग आरोपियों और संगठन के कैडरों द्वारा आतंकी प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के लिए किया जा रहा था. साथ ही एनआईए ने इस ऑफिस को टेरर फंडिंग से तैयार किया मांगते हुए सरकारी संपत्ति के अटैच कर दिया है .ऐसे में इन संपत्तियों को भी अटैच किया गया है.
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