Jaipur: नीट एग्जाम में पेपर लीक के विरोध में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोकने का किया प्रयास, रेलवे ट्रेक पर ही धरने पर बैठे MLA

विशाल शर्मा

04 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 4 2024 12:34 PM)

नीट परीक्षा में पेपर लीक मामले के सामने आने के बाद छात्रों में आक्रोश है. मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है, वहीं इस पर विपक्षी पार्टी भी खूब हंगामा कर रही है. राजस्थान में इसे लेकर जारी विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. 

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नीट परीक्षा में पेपर लीक मामले के सामने आने के बाद छात्रों में आक्रोश है. मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है, वहीं इस पर विपक्षी पार्टी भी खूब हंगामा कर रही है. राजस्थान में इसे लेकर जारी विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. जयपुर में कांग्रेस पार्टी की ओर से केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. आज 4 जून गुरुवार को यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध दर्ज कराया. इसके विरोध में गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोकने का प्रयास किया गया. बवाल इस कदर बढ़ा कि पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा. दरअसल, पेपर लीक के विरोध में यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और संगरिया से कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया के साथ कार्यकर्ता अचानक ट्रेन के आगे आ गए.

कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उन्हें मौके से खदेड़ना शुरू किया. लेकिन कांग्रेस विधायक प्लेटफार्म पर ही धरने पर बैठ गए. इसके बाद जीआरपी पुलिस ने ट्रेन को रवाना कर विधायक सहित उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया. जिन्हें GRP थाना हसनपुरा ले जाया गया.

देशभर में ट्रेन रोका आंदोलन का किया था ऐलान

नीट पेपर धांधली को लेकर यूथ कांग्रेस ने पहले ही प्रदेशभर में ट्रेन रोको आंदोलन का ऐलान कर दिया था. जिसके बाद सभी रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई. लेकिन जयपुर में यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस को चकमा देने के लिए जयपुर जंक्शन से ही ट्रेन में सवार होकर गांधीनगर स्टेशन उतरे और ट्रेन के आगे आ गए. पूनिया ने कहा कि आज NEET परीक्षा को रद्द करने को लेकर राजस्थान में सभी संभाग स्तर पर रेल रोकने का काम युवा कांग्रेस ने किया है. पूरे देश भर में NEET को लेकर न सिर्फ़ विपक्ष बल्कि खुद सैंकड़ों हजारों छात्र सड़कों पर आंदोलन कर रहे है. सरकार अपना हठधर्मी रवैया अपनाई हुई है.

उन्होंने कहा "प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि हम ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं. लेकिन 10 साल युवाओं को सिर्फ़ बरगलाने और भटकाने के अलावा इन्होंने कुछ किया नहीं और अब कदम उठाने की बात कर रहे हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को ज़िम्मेदारी लेते हुए नैतिक आधार पर इस्तीफ़ा देना चाहिए."

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