धौलपुर: चंबल नदी के मगरमच्छ-घड़ियालों और डॉल्फिन की ऐसे होगी गिनती

Umesh Mishra

12 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 13 2024 9:14 AM)

चंबल नदी में घड़ियाल मगरमच्छ और डॉल्फिन की संख्या बढ़ रही है. यहां तीन राज्य के जीव-जंतु विशेषज्ञ इनकी गणना करने वाले हैं.

धौलपुर: चंबल नदी के मगरमच्छ-घड़ियालों और डॉल्फिन की ऐसे होगी गिनती

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राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा में बहने वाली चम्बल नदी में विचरण कर रहे जलीय जीवों का रहस्य और रोमांच बढ़ता जा रहा है. यहां के माहौल को बेहतर करने और संरक्षण के अलावा जीवों को अनुकूल वातावरण देने के लिए तीन राज्य के जीव जंतु विशेषज्ञ चंबल नदी में 14 फरवरी से गणना का सर्वे का काम शुरू करेंगे.

करीब 13 दिन तक जलीय जीवों की गणना करने के बाद रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी. देश की सबसे स्वच्छ नदी चंबल में सबसे अधिक घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन और कछुआ पाए जाते हैं. चम्बल नदी में वर्तमान समय में दो हजार 108 घड़ियालों के साथ 878 मगरमच्छ और 96 डॉल्फिन समेत अन्य जलीय जीव हैं.

नदी से लाए जाते हैं घड़ियालों के अंडे

साल 1975 से 1977 तक विश्व व्यापी नदियों के सर्वे के दौरान 200 घडियाल पाये गये थे. जिनमें से 46 घडियाल चम्बल नदी में मिले थे. भारत सरकार ने चम्बल नदी के 960 किलोमीटर एरिया को राष्ट्रीय चम्बल घडियाल अभ्यारण्य वर्ष 1978 में स्थापित किया गया था. तभी से देवरी घडियाल केन्द्र पर कृत्रिम वातावरण में नदी से प्रतिवर्ष 200 अंडे लाकर उनका लालन-पालन किया जाता है और तीन वर्ष बाद इनको चम्बल सेंचुरी में छोड़ा जाता है.

तीन राज्य के जंतु विशेषज्ञ करेंगे सर्वे

स्वरूप दीक्षित, डीएफओ,राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण ने बताया कि चम्बल नदी में जलीय जीवों की गणना का काम पहले मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के चम्बल अभ्यारण के अधिकारी करते थे, लेकिन अबकी बार मध्य प्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश और राजस्थान के तीनों राज्यों के जंतु विशेषज्ञ एक साथ जलीय जीवों की गणना का सर्वे 14 फरवरी से शुरू करेंगे.

ऐसे होगा सर्वे

चम्बल नदी के किनारों पर सर्वे करने के बाद बोट की मदद ली जाएगी और करीब 13 दिन तक जलीय जीवों को सर्वे किया जाएगा. इसके बाद जलीय जीवों की गणना की रिपोर्ट के साथ नदी में पानी के बहाव और उसकी गुणवत्ता के नमूने लेकर सरकार को भेजे जाएंगे.

इस महीने में मेटिंग करते हैं घड़ियाल

चम्बल नदी में घड़ियालों का परिवार लगातार बढ़ रहा है. घड़ियाल दिसम्बर और जनवरी माह में मेटिंग करते हैं. मार्च और अप्रैल में अंडे देते हैं और जून के महीने में बच्चे अंडों से बाहर आ जाते हैं. मादा घड़ियाल रेत में 30 से 40 सेमी का गड्ढा खोद कर 40 से लेकर 70 अंडे देती हैं. करीब महीने भर बाद अंडों से बच्चे मां को बुलाते हैं. जिसे सुन मादा रेत हटा कर बच्चों को निकालती है और चंबल नदी में ले जाती है.

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