Dholpur: धौलपुर जिले के सोने का गुर्जा थाना इलाके के गांव गुनराइच में मंगलवार को खुदाई के दौरान एक मनरेगा श्रमिक की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौके पर ही मौत हो गई. मनरेगा श्रमिक की मौत हो जाने से मौके पर अन्य श्रमिकों में हड़कंप मच गया. मनरेगा श्रमिकों ने इसकी सूचना मृतक के परिजनों को दी.
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मौत की खबर सुनकर परिजनों में कोहराम मच गया. मृतक श्रमिक के परिजनों ने घटना की जानकारी सोने का गुर्जा थाना पुलिस को दी. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मृतक के शव को कब्जे में लेकर सरमथुरा के सरकारी अस्पताल पहुंचाया. जहां परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम करा कर मामले में जांच शुरू कर दी है.
परिजनों के मुताबिक मृतक 55 वर्षीय रामदास जाटव निवासी गुनराइज जो मंगलवार को मदनपुर ग्राम पंचायत के गांव गुनराइच में चल रहे मनरेगा कार्य में मजदूरी करने गया था. तभी खुदाई करते समय अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और मौत हो गई. श्रमिक रामदास की जब तबीयत खराब हुई तो अन्य श्रमिक कुछ भी नहीं कर पाए, क्योकि मौके पर मेडिकल किट उपलब्ध नहीं थी.
अगर श्रमिक रामदास को प्राथमिक उपचार मिल जाता तो शायद वह अस्पताल उपचार के लिए पहुंच जाता. मनरेगा नियम के मुताबिक मनरेगा श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाती है. जिससे आपातकालीन स्थिति में मनरेगा मेट और अन्य श्रमिक तबीयत खराब होने पर उसका उपयोग कर सके. लेकिन मनरेगा श्रमिक की तबीयत बिगड़ने के बाद हुई मौत पर मेडिकल किट नहीं होना सिस्टम की व्यवस्था की पोल खोलता है. मृतक गरीब परिवार से है और उसके दो बेटे और दो बेटियां एवं पत्नी है. मृतक के परिवार में कोहराम मचा हुआ हैं.
सोने का गुर्जा थाना एसएचओ यशपाल सिंह ने बताया कि गुनराइच गांव में मस्टरोल का काम चल रहा था. कार्य के दौरान एक श्रमिक रामदास जाटव की अचानक तबीयत खराब हुई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई. ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंचे और डेड बॉडी को कब्जे में लेकर सरमथुरा अस्पताल में पोस्टमार्टम करा कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
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