Ajmer urs news: विश्व सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के दुनिया में चाहने वालों की कमी नहीं है. ख्वाजा के 811वें उर्स में देश-विदेशों विदेश से लोग जियारत करने आ रहे हैं. ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स के मौके पर अपनी अकीदत का नजराना पेश करने उनकी दरगाह आते हैं. उर्स के मौके पर पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से 400 अकीदतमंदों का जत्था आया है. बांग्लादेश के जायरीन की ओर से दरगाह में चादर बैंड-बाजों के साथ पेश की गई. बांग्लादेशी जायरीन को दरगाह के खादिम सयैद नदीम ने जियारत करवाई.
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खादिम नदीम ने बताया की पिछले तीस सालों से जायरीन अजमेर पहुंच रहे है. इसबार करीब 450 बांग्लादेशी अजमेर शरीफ पहुंचे हैं. दो साल कोरोना के चलते जायरीन अजमेर नहीं आ सके थे. बांग्लादेश से आए जायरीन अब्दुल रज़्ज़ाक ने बताया की 400 से अधिक बंगलादेश से जायरीन आए हैं. इस दौरान दोनों देशों में अमन चैन की दुआ मांगी है. जानकारी के अनुसार करीब 800 लोगों ने वीजा अप्लाई किया था. लेकिन कुछ सर्कुलर की परेशानी के चलते कम लोग ही अजमेर पहुंचे हैं.
2 दिन पहले पाकिस्तानी जायरीन का जत्था भी आया था
25 जनवरी को 240 पाक जायरीन का जत्था उर्स में शिरकत करने पहुंचा था. हर वर्ष सूफी संत ख्वाजा मोइनुदीन हसन चिश्ती के उर्स में शिरकत करने करीब 450 से अधिक पाक जायरीन का जत्था अजमेर पहुंचता था. लेकिन इस बार सिर्फ 240 पाक जायरीन ही अजमेर पहुंचे. बताया जा रहा की करीब 480 लोगों की सूची भारत सरकार को मिली थी, लेकिन 240 लोगों को ही वीजा जारी किया गया.
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