अजमेर: 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में ASP दिव्या मित्तल हिरासत में, ACB ने की कार्रवाई
Ajmer News: एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को अजमेर स्थित एअरजी सोसायटी के 204 नंबर के फ्लैट से हिरासत में लेकर एसीबी की टीम जयपुर ले गई है. ASP दिव्या मित्तल पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई के बाद नाम हटाने के एवज में 2 करोड़ की रिश्वत मांगने का आरोप है. आरोप है […]
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Ajmer News: एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को अजमेर स्थित एअरजी सोसायटी के 204 नंबर के फ्लैट से हिरासत में लेकर एसीबी की टीम जयपुर ले गई है. ASP दिव्या मित्तल पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई के बाद नाम हटाने के एवज में 2 करोड़ की रिश्वत मांगने का आरोप है. आरोप है कि दलाल ने उनके उदयपुर में स्थित रिसॉर्ट पर पीड़ित को बुलाकर रिश्वत की मांग की और डराया-धमकाया. एसीबी ने कोर्ट से ऑर्डर ले दिव्या मित्तल के 5 ठिकानों पर सोमवार को छापा मारा.
बताया जा रहा है कि एसीबी को कुछ दस्तावेज मिले हैं. इनके साथ वो दिव्या मित्तल को हिरासत में लेकर जयपुर रवाना हो गई है. एसीबी ने दिव्या के अजमेर स्थित एआरजी सोसायटी के फ्लैट पर, जयपुर स्थित एक फ्लैट पर, उदयपुर के सिकलवास स्थित रिसॉर्ट, चिड़ावा स्थित इनके पैतृक घर और अजमेर स्थित एसओजी के दफ्तर में रेड की कार्रवाई की है.
चिड़ावा में दिव्या मित्तल के माता-पिता रहते हैं. एसीबी झुंझुनूं की टीम ने आज सुबह आठ बजे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एएसपी इस्माइल खान के नेतृत्व में पैतृक मकान में सर्च शुरू किया, जो अभी तक जारी है. संभावना है कि यह सर्च देर शाम तक जारी रहेगा. गौरतलब है कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिव्या मित्तल का परिवार मूल रूप से हरियाणा निवासी है, लेकिन कई दशकों से उनका परिवार चिड़ावा में रहता है.
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परिवादी ने लगाए ये आरोप
एसीबी के एडिशनल एसपी बजरंग सिंह के मुताबिक- ‘एक परिवादी एसीबी मुख्यालय पर आए थे. उन्होंने इस बात की सूचना दी थी कि उसके खिलाफ एक प्रकरण दर्ज होने के बाद उसमें से नाम हटाने के एवज में दो करोड़ रुपए की डिमांड की जा रही है. परिवादी ने कहा कि उसका इसके अंदर कोई दोष नहीं है. उसने बताया- जब मैं अनुसंधान अधिकारी दिव्या मित्तल के पास गया तो उन्होंने मुझसे कहा कि आप उदयपुर की तरफ रवाना हो जाओ. आपके पास एक फोन आएगा. उसके अनुसार वहां चले जाना. थोड़ी देर में निकलते ही फोन आया और उसके बाद मैं उदयपुर के लिए रवाना हो गया. वहां मुझसे दो करोड़ की मांग की गई. असमर्थता जाहिर करने पर डरा-धमकाकर एक करोड़ रुपए से कम नहीं होने की बात कही गई. यहां से लौटकर एसीबी को रिपार्ट दी.
25 लाख की किश्त लेने से पहले दलाल हुआ फरार
बताया जा रहा है कि पीड़ित जब बाद में एएसपी के पास गया तो 1 करोड़ पर बात बनी. पहली किश्त के रूप में 25 लाख वो देने वाला था और एसीबी भी जाल बिछा चुकी थी तभी दलाल को भनक लग गई और वो नहीं आया. ट्रैप फेल होने के बाद एसीबी ने अदालत से वारंट लेकर कार्रवाई की.
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क्या है मामला
दरअसल मई 2021 में अजमेर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की नशीली दवाओं की खेप पकड़ी थी. इसमें जयपुर में साढ़े पांच करोड़ और अजमेर में 11 करोड़ की दवाओं के साथ आरोपी पकड़े गए थे. इसी मामले से नाम हटाने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप है. परिवादी ने 4 जनवरी को एसीबी से संपर्क किया था.
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