Video: जयपुर में हरीश चौधरी का पूतला फूंका, राजपूत समाज की चेतावनी- माफी मांगे कांग्रेस विधायक, नहीं तो...
राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के विधायक हरीश चौधरी की ओर से 'ठाकुरों का कुआं' कविता पढ़े जाने पर घमासान मचा हुआ है. अब हरीश चौधरी के खिलाफ राजपूत समाज सड़क पर उतर आया है.
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राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के विधायक हरीश चौधरी की ओर से 'ठाकुरों का कुआं' कविता पढ़े जाने पर घमासान मचा हुआ है. अब हरीश चौधरी के खिलाफ राजपूत समाज सड़क पर उतर आया है.
राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के विधायक हरीश चौधरी की ओर से 'ठाकुरों का कुआं' कविता पढ़े जाने पर घमासान मचा हुआ है. शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, बीजेपी विधायकों के बाद उन्हीं की पार्टी के नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी चौधरी को नसीहत दी. अब हरीश चौधरी के खिलाफ गुस्सा सड़कों पर भी दिखाई दे रहा है. उनके बयान के खिलाफ राजपूत समाज सड़क पर उतर आया है.
आक्रोशित राजपूत समाज के लोगों ने जयपुर में विरोध-प्रदर्शन किया. जयपुर के खातीपुरा तिराहे पर बायतु विधायक हरीश चौधरी का पुतला फूंक उनका विरोध जताया गया. साथ ही हरीश चौधरी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. इस दौरान राजपूत समाज के लोगों ने हरीश चौधरी को जातिवादी नेता भी करार दिया.
जाट-राजपूत को आपस में लड़ाने का काम कर रहे हैं हरीश चौधरी
समाज के लोगों का कहना था कि हरीश चौधरी ने विधानसभा में ठाकुरों और राजपूत समाज के लिए जो शब्द उपयोग में लिए, उसको लेकर फिलहाल सांकेतिक विरोध है. अगर माफी नहीं मांगी तो जल्द ही बड़ा आंदोलन किया जाएगा. समाज का आरोप है कि हरीश चौधरी ने सिर्फ एक अपना वोट बैंक मजबूत बनाने के लिए पूरे ठाकुर समुदाय के खिलाफ व्यंग बनाकर घटिया शब्दों का उपयोग किया, जो कि पूरी तरह से गलत है. उन्होंने 'ठाकुरों का कुआं' कविता तो सुना दी, लेकिन उन्हें पता नहीं देश आजाद होने से लेकर आज तक ठाकुरों ने ही त्याग-बलिदान दिया है. प्रदर्शन करने वाले लोगों का कहना है कि जाट समाज और राजपूत समाज दोनों ही मार्शल कौम है और दोनों का अपना वर्चस्व है. लेकिन हरीश चौधरी दोनों समुदाय को आपस में लड़ाने का काम कर रहे है.
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