बीहड़ के जिन जंगलों में था डकैत का खौफ, आज वहीं होती है बाघों की आहट
Tigress T-117 caught on camera: धौलपुर (dholpur ) जिले के जंगलो से वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक सुखद तस्वीर सामने आई है. बीहड़ के वो जंगल (forest) जहां कभी डकैतों का खौफ था, आज वहां बाघों (tigers) की आहट है. इन्हीं जंगलों में वन विभाग के कैमरे में बाघिन टी-117 और उसके दोनों शावक घूमते हुए […]
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Tigress T-117 caught on camera: धौलपुर (dholpur ) जिले के जंगलो से वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक सुखद तस्वीर सामने आई है. बीहड़ के वो जंगल (forest) जहां कभी डकैतों का खौफ था, आज वहां बाघों (tigers) की आहट है. इन्हीं जंगलों में वन विभाग के कैमरे में बाघिन टी-117 और उसके दोनों शावक घूमते हुए कैद हुए हैं. इसी साल अप्रैल में भी तीन नन्हे शावकों की तस्वीर वन विभाग के कैमरे में कैद हुई थी. तस्वीर में बाघिन टी-117 अपने तीन शावकों को दुलार रही थी. बाघिन टी-117 ने तीन साल पहले भी दो शावकों को जन्म दिया था.
जिले के सरमथुरा के जंगलो में बाघिन टी-117 और बाघ टी-116 अपने शावकों के साथ विचरण कर रहे हैं. बाघिन टी-117 ने तीन शावकों जन्म दिया था और तीनो शावक स्वस्थ हैं. अभी टी-116 और टी-117 को मिला कर 5 टाइगरों का हैं.
वाइल्ड लाइफ के क्षेत्रीय वन अधिकारी टिंकू सिंह ने बताया कि सरमथुरा के जंगलों में टाइगर की सुरक्षा के लिए लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है. बता दें कि क़रौली-धौलपुर टाइगर रिजर्व बनने की कवायद शुरू हो चुकी हैं और अभी अधिसूचना जारी होना बाकी हैं. जिले के सरमथुरा वन क्षेत्र में शुरू से ही टाइगरों का सवाईमाधोपुर के रणथंभौर अभयारण्य से आना जाना लगा रहा हैं.
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