Alwar: पुलिस की गाड़ी को लूटा, फिर थाने में दर्ज हुआ केस, सामने आई लूटपाट की अजीबोगरीब कहानी
Alwar: मामले की सूचना पुलिस को मिली तो हड़कंप मच गया. जिले में नाकाबंदी की गई. शहर से 30 किलोमीटर दूर बड़ौदामेव के पास नाकाबंदी में चेकिंग के दौरान गाड़ी को बरामद किया गया.
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Alwar: अलवर के किशनगढ़बास थाने पुलिस की क्विक रिस्पांस जीप 112 को तीन युवकों ने अलवर शहर के निकट लूट लिया व ड्राइवर को रास्ते में फेंक दिया. मामले की सूचना पुलिस को मिली तो हड़कंप मच गया. जिले में नाकाबंदी की गई. शहर से 30 किलोमीटर दूर बड़ौदामेव के पास नाकाबंदी में चेकिंग के दौरान गाड़ी को बरामद किया गया. गाड़ी से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में उन्होंने बताया कि वो भी ड्राइवर है और क्विक रिस्पांस की कोटकासिम व जिले के अन्य क्षेत्र में गाड़ी चलाते हैं. पुलिस सब मामले में लोगों से पूछताछ कर रही है.
किशनगढ़बास क्षेत्र में क्विक रिस्पांस की डायल 112 गाड़ी चलने वाला ड्राइवर निहाल सिंह गाड़ी की सर्विस करवाने के लिए अलवर आया था. सर्विस करवाने के बाद शहर में तूलेडा के पास तीन लोग निहाल सिंह से गाड़ी लूट कर ले गए. निहाल सिंह ने तुरंत मामले की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए जिले में नाकाबंदी की. तो बड़ौदामेव थाना पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान गाड़ी में तीन लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार लोगों में पूछताछ में पूरा मामला कुछ और ही निकला. गिरफ्तार तीनों लोग भी पेशे से ड्राइवर है और क्विक रिस्पांस की अन्य गाड़ियों को चलते हैं. इसमें कोटकासिम थाने में गाड़ी चलाने वाले हेमंत व छोटेलाल और एक किशनगढ़ बास थाने में गाड़ी चलाने वाला ड्राइवर मनीष मीणा शामिल है. उन्होंने पुलिस को बताया कि वो गाड़ी को जयपुर लेकर जा रहे हैं.
सभी लोग ड्राइवर ही निकले
एडिशनल एसपी तेजपाल सिंह ने कहा की सभी लोग ड्राइवर हैं और क्विक रिस्पांस की गाड़ियों को चलते हैं. गिरफ्तार तीनों लोगों को किसी काम से जयपुर जाना था. उन्होंने निहाल सिंह से गाड़ी ले जाने के लिए कहा. लेकिन निहाल सिंह ने जाने से मना कर दिया. इस बात को लेकर सभी के बीच विवाद हो गया. इसके बाद तीनों ने निहाल सिंह को गाड़ी से उतार दिया और गाड़ी लेकर चले गए. पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर रही है.
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पुलिस मामले में दे रही सफाई
दूसरी तरफ इस घटना ने अलवर पुलिस को एक बार फिर से बदनाम किया. पूरे प्रदेश में लूट की घटना पर चर्चा होने लगी. तो पुलिस अधिकारी के फोन भी दिन भर बजते रहे. पुलिस अब इस मामले पर सफाई देने में लगी है व मामला छुपा रही है. इस मामले पर पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए पूरे मामले पर अपना पक्ष भी रखा है. लेकिन युवकों ने जबरदस्ती गाड़ी लूटी और उसके बाद बिना ड्राइवर की सहमति के उसे लेकर चले गए. इसके बाद पुलिस ने भी लूट की धाराओं में मामला दर्ज किया. अगर पुलिस नाकेबंदी नहीं करती तो यह गाड़ी पुलिस को नहीं मिलती.
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