Jaisalmer: यहां की पटवा हवेलियों को बनने में लगे थे 50 साल, जानिए जैसलमेर के पर्यटन स्थलों की खासियत
Jaisalmer Tourism: मरूधरा कहे जाने वाले प्रदेश में पर्यटन (Tourism) की कई तस्वीरें है. झीलें, पहाड़ और ऊंचे किलों के बीच जैसलमेर (Jaisalmer News) का रेगिस्तान देखने के लिए देसी-विदेशी पर्यटक दूर-दूर से आते हैं. इस शहर की खास बात ना सिर्फ इसकी खूबसूरती है, बल्कि समृद्ध संस्कृति और इतिहास के लिए भी यह सिटी […]
ADVERTISEMENT
Jaisalmer Tourism: मरूधरा कहे जाने वाले प्रदेश में पर्यटन (Tourism) की कई तस्वीरें है. झीलें, पहाड़ और ऊंचे किलों के बीच जैसलमेर (Jaisalmer News) का रेगिस्तान देखने के लिए देसी-विदेशी पर्यटक दूर-दूर से आते हैं. इस शहर की खास बात ना सिर्फ इसकी खूबसूरती है, बल्कि समृद्ध संस्कृति और इतिहास के लिए भी यह सिटी जानी जाती है.
शहर के आसपास फैले हुए एक विशाल रेगिस्तान (Desert) में सैर-सपाटे के लिए भी बेहतरीन जगह है. साथ ही यहां पर्यटकों को देखने लायक कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों मिल सकते हैं. यह शहर अपने सुनहरे किले, ऊंची हवेलियों और भव्य मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है.
यहां पर्यटक ऊंट सफारी का भी लुत्फ उठा सकते हैं. जैसलमेर रेगिस्तान में ऊंट सफारी काफी लोकप्रिय है. जिस पर सवार होकर रेगिस्तान की सफारी का आनंद ले सकते हैं. यहां की ऐतिहासिक इमारतों को देखने के साथ ही शहर में खरीदारी के लिए कई बाजार हैं. जहां लोग राजस्थानी हस्तशिल्प और अन्य सामान खरीदना पसंद करते हैं.
यहां के इतिहास की बात करें तो जैसलमेर किला एक विशाल किला है. 12वीं शताब्दी में बनाया गया यह किला जैसलमेर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है. वहीं, यहां की खास हवेलियों में सबसे महत्वपूर्ण पटवों की हवेली है. वास्तुकला के एक दिलचस्प नमूने के तौर पर यह जैसलमेर शहर में बनी सबसे पहली हवेली थी. खास बात यह है कि यह एक हवेली नहीं, बल्कि 5 छोटी-छोटी हवेलियों का समूह है. इसी के चलते इसे पटवा हवेली कहते है. इसे बनाने में 50 साल लग गए थे. वहीं, जैसलमेर म्यूजियम यहां के इतिहास और संस्कृति को समर्पित है. इस संग्रहालय में जैसलमेर के किले, हवेलियों और मंदिरों से कलाकृतियां और स्मृति चिन्हों का संग्रह है.
ADVERTISEMENT
यह भी पढ़ेंः मानसून में मेहरानगढ़ फोर्ट भी है शानदार डेस्टिनेशन, ऊंची पहाड़ी पर मौजूद इस किले की ये है खासियत
ADVERTISEMENT