जैसलमेरः हिंदू विस्थापितों के मकानों पर चला बुलडोजर, परिवारों ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
Jaisalmer News: जैसलमेर शहर से करीब 4 किमी दूर रह रहे पाकिस्तानी हिंदू विस्थापितो के 30 से ज्यादा कच्चे मकान को ध्वस्त कर दिया गया. विस्थापितों की कच्ची बस्ती को नगर विकास न्यास (यूआईटी) ने अतिक्रमण मानते हुए बुल्डोजर और जेसीबी से ध्वस्त कर दिया. जिसके चलते अब 150 से ज्यादा महिला, पुरुष और बच्चे […]
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Jaisalmer News: जैसलमेर शहर से करीब 4 किमी दूर रह रहे पाकिस्तानी हिंदू विस्थापितो के 30 से ज्यादा कच्चे मकान को ध्वस्त कर दिया गया. विस्थापितों की कच्ची बस्ती को नगर विकास न्यास (यूआईटी) ने अतिक्रमण मानते हुए बुल्डोजर और जेसीबी से ध्वस्त कर दिया. जिसके चलते अब 150 से ज्यादा महिला, पुरुष और बच्चे का ठिकाना नहीं रहा. जानकारी के मुताबिक यह विस्थापित अमरसागर तालाब के उसे आगौर में अवैध रुप से निवास कर रहे थे, जहां तालाब में पानी की आवक रुक गई थी और यह भूमि भी काफी बेसकीमती मानी जा रही थी. यही वजह है कि न्यास ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया.
वहीं, दूसरी तरफ अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही का इन हिन्दू पाक विस्थापितो की महिलाओं बच्चो ने जमकर विरोध किया. पानी के टांके और एक धार्मिक स्थल तोड़ने का महिलाओं ने विरोध भी किया, जिसके चलते प्रशासन को हल्का बल करना पड़ा. इस दौरान 3 महिलाएं घायल हो गई, उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया हैं. यूआईटी की कार्यवाही के विरोध में इन परिवारों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.
दरअसल, इस अमरसागर ग्राम पंचायत में पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न की वजह से ये लोग भारत आए और यहां पर लांग टर्म वीजा के बाद सरकारी जमीन पर कच्चे घर बनाने शुरु कर दिए. इसी वजह से बड़ी संख्या में हिन्दू विस्थापितो की यहां पर कच्ची बस्तियां स्थापित हो गई थी. इस जमीन को खाली कराने के लिए यूआईटी ने 2 माह पहले भी इस जमीन पर अतिक्रमण हटाया था.
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पाकिस्तान में हुए बर्बाद, यहां भी उजाड़ दिया घर- हिंदू विस्थापित
हिंदू विस्थापित किशनराज भील का कहना है कि अमरसागर स्थित कल्ला क्रेसर भील बस्ती को पूरी तरह से उजाड़ दिया गया. जो हिंदू पाकिस्तान से बर्बाद होकर हिंदुस्तान आए थे, अब उन्हें यहां भी बर्बाद कर दिया हैं, हमारे बस्ती को हटाने के लिए भी पहले भी प्रयास किये जा रहे थे, इसके लिए पहले भी हमने जन सुनवाई में हमे पुर्नवास करने के बाद हटाने की मांग हमने की थी, लेकिन सोमवार शाम 6 बजे यूआईटी ने हमें सुबह बस्ती खाली करने का नोटिस दिया. जबकि हमारे पुर्नवास की कोई कार्यवाही नही की गई.
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