Sawai Madhopur: 12 थार-स्कॉर्पियों पर 1-1 लाख जुर्माना, वनाधिकारी सस्पेंड, रणथंभौर में अवैध एंट्री पर बड़ा एक्शन

सुनील जोशी

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Ranthambore
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Sawai Madhopur: सवाई माधोपुर के रणथंभौर (Ranthambore ) में अवैध सफारी करने आई लग्जरी गाड़ियों पर कार्रवाई की गई, साथ ही क्षेत्रीय वनाधिकारी को भी निलंबित कर दिया है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) अरिजीत बनर्जी ने फलौदी रेंज के क्षेत्रीय वनाधिकारी प्रथम विष्णु गुप्ता को इस केस में निलंबन के ऑर्डर दिए हैं. निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय संभागीय मुख्य वन संरक्षक अजमेर में रहेगा.

इस घटना की जांच मुख्य वन संरक्षक और रणथंभौर बाघ परियोजना के क्षेत्र निदेशक को सौंपी गई है. वन विभाग ने वन क्षेत्र में बिना अनुमति घुसने वाली 14 गाड़ियों में से 12 गाड़ियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाकर उन्हें छोड़ दिया है, जबकि दो गाड़ियां, जो स्थानीय टूर ऑपरेटरों की हैं, अब भी वन विभाग की हिरासत में हैं.

15 अगस्त की घटना

यह घटना 15 अगस्त की शाम को सामने आई, जब एडवेंचर टूर के नाम पर एक दर्जन से भी अधिक लग्जरी गाड़ियां रणथंभौर के जोन नंबर आठ में बिना अनुमति के प्रवेश कर गईं. इस घटना का वीडियो भी वायरल हो गया था, जिसमें जंगल के अंदर गाड़ियों से उतरकर लोग चलते-फिरते नजर आ रहे थे. ये गाड़ियां बालास चौकी से नेशनल पार्क में दाखिल हुईं और हिंदवाड़ के रास्ते से बाहर निकलीं. यह पूरा क्षेत्र क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट के अंतर्गत आता है, जहां किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं है.

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12 गाड़ियों पर लगाया 1-1 लाख का जुर्माना

मामला सामने आने के बाद वन विभाग ने तुरंत कार्रवाई की और बिना अनुमति वन क्षेत्र में घुसी पांच गाड़ियों को मौके से ही जब्त कर लिया, जबकि शेष गाड़ियों को होटल से लाकर जब्त किया गया. बाद में, 12 गाड़ियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाकर उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन दो गाड़ियां, जो स्थानीय टूर ऑपरेटरों की हैं, अब भी वन विभाग के कब्जे में हैं. मामला इतना बढ़ गया कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने क्षेत्रीय वनाधिकारी को निलंबित कर दिया.

क्या है यहां का इतिहास

रणथंभौर के वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, हिंदवाड़ गांव ही ऐतिहासिक हिंदूवाट दर्रे के नाम से जाना जाता था. यह एक प्राचीन मार्ग है जो आज भी नीमली, काली भाट के भैरों जी, काली भाट गांव, रवांजना डूंगर और हिंदवाड़ से जुड़ा हुआ है. यही वह मार्ग था, जिससे अल्लाउद्दीन खिलजी की सेना ने रणथंभौर पर आक्रमण किया था और छाण गांव में अपनी छावनी बनाई थी. सेना ने फूटा कोट के नाम से प्रसिद्ध परकोटे को तोड़कर रण की डूंगरी पर तोपों सहित चढ़ाई की थी, जहां आज भी मामा भानजा की मजारें बनी हुई हैं.

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2 गाड़ियों को किया जब्त

डीएफओ सवाई माधोपुर, आर.एन. भाकर का कहना है कि वन क्षेत्र में अवैध रूप से घुसने पर जब्त की गई 14 गाड़ियों में से 12 गाड़ियों से एक-एक लाख रुपए जुर्माना वसूल कर उन्हें छोड़ दिया गया है. जबकि दो गाड़ियां, जो स्थानीय टूर ऑपरेटरों की हैं, अब भी विभाग की हिरासत में हैं. मामले की जांच की जा रही है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

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