AAP प्रभारी बोले- गहलोत के खिलाफ बोलने की कटारिया को मिली सजा, बीजेपी ने की नाइंसाफी

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Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाए जाने पर आम आदमी पार्टी ने तंज कसा. पार्टी के प्रदेश प्रभारी और दिल्ली विधायक विनय मिश्रा ने कहा कि कटारिया को राज्यपाल बनाकर सजा दे दी है. उन्होंने सवाल किया कि आखिर राजस्थान में क्या गठबंधन चल रहा है कि अडाणी के मुद्दे पर जब बीजेपी को घेरा जाता है तो गहलोत की पुलिस लाठीचार्ज करती है.

प्रदेश प्रभारी ने कहा कि गहलोत और मोदी का गठजोड़ है. जब बजट भाषण के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने पुराना बजट पढ़ा और कटारियाजी ने सदन में आवाज उठाई तो 5 दिन बाद पार्टी ने उन्हें राज्यपाल बना दिया. उन्हें सक्रिय राजनीति से हटाकर सजा दे दी. उनके साथ नाइंसाफी हुई, क्योंकि जब उनका मुख्यमंत्री बनने का मौका आया तो पार्टी ने राज्यपाल बना दिया.

पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज देशभर में आम आदमी पार्टी जनता की आवाज बन रही है. पार्टी हर राज्य में अडानी के खिलाफ प्रदर्शन किया. हर जगह बौखलाहट भी देखने को मिली. राजस्थान में सबने देखा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज हुआ. हम इससे घबराने वाले नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे सदस्यता अभियान को काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. गांव हो शहर, हर जगह लोग अरविंदजी को पसंद कर रहे हैं और सदस्य बनना चाह रहे हैं.

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आदिवासी वोट बैंक पर फोकस, बीजेपी के नेता हुए शामिल
सदस्यता अभियान के दौरान पार्टी का फोकस आदिवासी वोट को लेकर भी है. उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर से ताल्लुक रखने वाले बीजेपी-कांग्रेस समेत कई आदिवासियों नेताओं को पार्टी सदस्यता दिलाई. इस मौके पर भाजपा के एसटी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष औऱ 2013-18 से विधायक रहे देवेंद्र कटारा, एनसीपी डूंगरपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत सहित कई नेताओं ने पार्टी ज्वॉइन की. देवेंद्र कटारा ने कुछ साल पहले ही बीजेपी को छोड़ भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) का दामन था था. अब आप में जुड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बाप-बेटे की लड़ाई के चलते अब बीटीपी बिखर चुकी है. वहीं, पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर भी राय रखी. पार्टी प्रभारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर किसी गठबंधन के साथ नहीं जाएगी. हमें कोई गठजोड़ समझ नहीं आता. हम अकेले ही चुनाव लड़ेंगे.

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