कोटा कलेक्टर का अभिभावकों को लिखा पत्र वायरल, जानिए डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने ऐसा क्या लिख दिया?

चेतन गुर्जर

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कोचिंग नगरी के रूप में देशभर में विख्यात कोटा (Kota News) में छात्रों की आत्महत्या हमेशा चिंता का विषय रहा है. इसे लेकर जिला प्रशासन से लेकर सराकर के स्तर तक हर संभव प्रयास होते रहते हैं. इसी बीच जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी (ravindra singh goswami) के एक पत्र की चर्चा हो रही है. उन्होंने यह पत्र कोटा में पढ़ रहे विभिन्न विद्यार्थियों के परिजनों को लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा कि उनके बच्चों की क्षमताओं को पहचनाने, रुचियों को समझने और मात्र परीक्षा में सफलता के आधार पर आकलन नहीं करने की अपील की है. इस पत्रे में कलेक्टर ने खुद का उदाहरण दिया.

गोस्वामी ने लिखा कि कुछ समय बाद NEET और JEE की परीक्षाएं होनी है. आपने अपने बच्चे को पढ़ने के लिए सब सुविधाएं भी दी होंगी. कोचिंग, कमरा और खाना, इसके अलावा भी आपने जो समर्पण किया है अपनी संतानों के लिए, उसका दूसरा कोई समानांतर उदाहरण नहीं है.

 

 

जिला कलेक्टर ने लिखा "मां-बाप के लिए अपने बच्चे की खुशी से बढ़कर कोई और खुशी नहीं हो सकती समस्या तब खड़ी होती है जब हम बच्चे की खुशी को उसके किसी परीक्षा में लाए गए नंबरों से जोड़कर देखते हैं. क्या कोई भी परीक्षा पास करने मात्र से व्यक्ति सफल हो जाता है? शायद नहीं. सफलता तो आत्मिक अनुभूति है, जो किसी कार्य को तन्मयता से करने में प्राप्त होती है. हो सकता है बच्चे ने पूरी मेहनत की हो, लेकिन उस दिन उसका दिन खराब हो. हो सकता है बच्चा मेहनत करता हो, लेकिन उसका लगाव उस विषय में ना हो. हो सकता है वो एक मछली हो और अभी वो उड़ने की दौड़ में दौड़ रहा हो."

बच्चों को भी दिया ये संदेश

उन्होंने लिखा कि "प्रिय बच्चों, हजार बर्क गिरें लाख आँधियाँ उठे. वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं." साहिर साहब की ये पंक्तियां इस जीवन के संघर्षों पर विजय और ईश्वर के उसमें योगदान को पूरे तौर पर रेखांकित करती हैं. कुछ समय बाद आप NEET और JEE के पेपर देंगे, प्यारे बच्चों आपको यह याद रखना है कि हर असफलता आपको मौका देती है. जीवन में की गई गलतियों को जीतकर उसे सफलता में बदलने का.

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'मैं भी पीएमटी में हुआ था फेल'

जैसा कि मेरे साथ आप लोगों की बातचीत में ये निकल के आया कि ये परीक्षा एक पड़ाव मात्र है, ना की मंजिल. इसमें फेल होना, आपके जीवन की दिशा निर्धारित नहीं कर सकता. मैं खुद इसका उदाहरण हूँ, मैं भी PMT में फेल हो चुका हूं. क्योंकि हम केवल मेहनत कर सकते हैं, फल देना ईश्वर का काम. वो ईश्वर कभी अपने कर्तव्य में चूक नहीं कर सकता. इसलिए वो हमें सफल बना रहा है तो वो ठीक है और यदि असफल कर रहा है तो शायद वो हमारे लिए दूसरा रास्ता चुन रहा है. 

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